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व्हाइट हाउस की सुरक्षा में सेंध? बिना अनुमति के स्टारलिंक का इंस्टॉलेशन

अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस में एलन मस्क की स्टारलिंक इंटरनेट सेवा की चुपचाप स्थापना ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरी चिंता खड़ी कर दी है।

भारतJun 07, 2025 / 10:02 pm

Shaitan Prajapat

अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस (Photo – IANS)

अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस में एलन मस्क की स्टारलिंक इंटरनेट सेवा की चुपचाप स्थापना ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरी चिंता खड़ी कर दी है। द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष फरवरी में ऊर्जा विभाग के डिजिटल गवर्नेंस कार्यालय (DOGE) ने बिना पूर्व सूचना के व्हाइट हाउस परिसर में स्टारलिंक टर्मिनल स्थापित कर दिया। इसने संचार प्रणालियों को संचालित करने वाले विशेषज्ञों को चौंका दिया, जिन्हें इस संवेदनशील कदम की भनक तक नहीं थी। मामले से परिचित तीन लोगों ने बताया कि इस इंस्टॉलेशन को लेकर DOGE के कर्मियों, मस्क की टीम और ट्रंप प्रशासन के सहयोगियों ने सुरक्षा विशेषज्ञों की चेतावनियों को नजरअंदाज किया।

गुप्त रूप से हुआ स्टारलिंक का सेटअप

फरवरी में DOGE के प्रतिनिधियों ने आइजनहावर कार्यकारी कार्यालय भवन की छत पर स्टारलिंक टर्मिनल स्थापित किया, जिससे उपयोगकर्ता सीधे मस्क की निजी कंपनी स्पेसएक्स के उपग्रहों से जुड़ सकें। चौंकाने वाली बात यह रही कि व्हाइट हाउस के आईटी विभाग को इसकी कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। इसके कारण संवेदनशील संचार के निगरानी और नियंत्रण में बाधा आने की आशंका जताई जा रही है।

स्टारलिंक गेस्ट नेटवर्क से बढ़ी चिंता

उसी समय, व्हाइट हाउस परिसर में Starlink Guest नामक एक नया वाईफाई नेटवर्क दिखाई देने लगा, जिसमें केवल पासवर्ड की जरूरत थी, न कि यूजरनेम या मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन की। यह नेटवर्क अभी भी व्हाइट हाउस आने वाले आगंतुकों के फोन में दिख रहा है, जिससे सुरक्षा में सेंध की आशंका गहरा गई है।

सीक्रेट सर्विस ने दी सफाई, पर उठे सवाल

व्हाइट हाउस ने सवालों को अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की ओर भेजा, जिसने इसे सुरक्षा घटना या उल्लंघन मानने से इनकार किया। प्रवक्ता एंथनी गुग्लिल्मी ने कहा कि वे DOGE की इंटरनेट पहुंच में सुधार की मंशा से अवगत थे। परंतु पूर्व अधिकारियों और विशेषज्ञों ने चेताया कि स्टारलिंक की बिना ट्रैकिंग वाली क्षमता, पारंपरिक व्हाइट हाउस नेटवर्क से कहीं अधिक जोखिम भरी हो सकती है।

VPN और नेटवर्क प्रोटोकॉल को किया दरकिनार

व्हाइट हाउस के नेटवर्क में आमतौर पर फुल-टनल वीपीएन अनिवार्य होता है, जिससे कोई भी डिवाइस बाहरी इंटरनेट से बिना सुरक्षा के नहीं जुड़ सकता। परंतु स्टारलिंक के साथ यह नियम प्रभावी नहीं रहता। इससे “सुरक्षा को बायपास करने” की संभावना बन जाती है, एक पूर्व अधिकारी ने बताया।
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हाउस ओवरसाइट कमेटी की जांच

डेमोक्रेट सांसद स्टीफन एफ. लिंच ने पुष्टि की है कि उन्हें कुछ व्हिसलब्लोअर्स ने इस मामले में संपर्क किया है और समिति द्वारा ट्रंप प्रशासन में स्टारलिंक के उपयोग की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, “इससे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा कमजोर हो सकती है और संवेदनशील डेटा असुरक्षित हाथों में जा सकता है।”
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अन्य एजेंसियों में भी सक्रिय स्टारलिंक

रिपोर्ट के मुताबिक, स्टारलिंक केवल व्हाइट हाउस तक सीमित नहीं रहा। नेशनल लेबर रिलेशंस बोर्ड और जनरल सर्विसेज एडमिनिस्ट्रेशन जैसे सरकारी विभागों में भी इसका उपयोग हुआ है। DOGE कर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने डेटा एक्सेस को लेकर गहरी पहुंच की मांग की और लॉगिंग प्रणाली को अक्षम कर दिया।

AI के जरिए डेटा तक पहुंच की कोशिश

सूत्रों का कहना है कि DOGE कर्मी कृत्रिम बुद्धिमत्ता कार्यक्रमों के जरिये सरकारी डेटा की बड़ी मात्रा को प्रोसेस और एक्सेस करने की कोशिश कर रहे हैं। यह प्रयास राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सूचनाओं को जोखिम में डाल सकता है।

सुरक्षा विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों ने चेताया है कि ऐसे असुरक्षित कनेक्शन से न केवल डेटा लीक हो सकता है बल्कि व्हाइट हाउस की मशीनों में मालवेयर भी पहुंच सकता है। यह सब ऐसे समय में जब चीन जैसे विरोधी देशों द्वारा अमेरिकी नेटवर्क में घुसपैठ के मामले सामने आए हैं।

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