मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि कुछ असामाजिक तत्व और कुछ खास समुदाय के लोग जानबूझकर कांवड़ यात्रियों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। “कांवड़ यात्रा किसी भी प्रकार के उपद्रव या असामाजिक गतिविधि का मंच नहीं, बल्कि यह भगवान शिव के प्रति आस्था और भक्ति की अभिव्यक्ति है। कुछ लोग उन्हें ‘आतंकवादी’ या ‘उपद्रवी’ कहकर हमारी सांस्कृतिक विरासत और सनातन धर्म की परंपराओं का अपमान कर रहे हैं। ये मानसिकता शर्मनाक है,” सीएम योगी ने कहा।
बिरसा मुंडा की विरासत पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी स्थित वसंत महिला महाविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में शामिल हुए। संगोष्ठी का विषय था – “बिरसा मुंडा की विरासत: आदिवासी सशक्तीकरण और राष्ट्रीय आंदोलन के लिए उत्प्रेरक विषय”।
दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन 18 और 19 जुलाई को
महाविद्यालय एवं भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। आयोजन में देशभर के शिक्षाविद, शोधार्थी और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं। इस संगोष्ठी में 100 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जा रहे हैं। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता पद्मश्री अशोक भगत ने आदिवासी समाज की सांस्कृतिक पहचान, संघर्ष और योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बिरसा मुंडा को ‘भारत के स्वतंत्रता संग्राम का सच्चा प्रेरणास्त्रोत’ बताया।
आस्था, संस्कृति और सामाजिक न्याय पर केंद्रित योगी का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि आज जब भारत अपनी सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर पुनर्स्थापित कर रहा है, तब आस्था पर चोट करने वालों के मंसूबे सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा, “हमारी आस्था, परंपरा और संस्कृति हमारी शक्ति हैं। जो लोग इन पर हमला करते हैं, वे भारत की आत्मा पर हमला करते हैं।” सीएम योगी ने अपने भाषण में बिरसा मुंडा के योगदान की सराहना करते हुए उन्हें आदिवासी समाज के नायक के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा का जीवन आदिवासी जागरूकता, आत्म-सम्मान और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है।