पीड़ित विनय कुमार ने पुलिस को बताया कि इस ठगी की शुरुआत 15 मई से हुई। उन्हें एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया था, जहां एक व्यक्ति ने खुद को एक कंपनी का डायरेक्टर और ‘स्टॉक मार्केट गुरु’ बताया। शुरुआत में, उसने एक ऐप के ज़रिए निवेश करने की जानकारी दी और कुछ छोटा प्रॉफ़िट भी दिलवाया, जिससे पीड़ित का विश्वास बढ़ गया।
ग्रुप में यह ‘गुरु’ हर निवेश से पहले कुछ ज़रूरी जानकारी साझा करता था, जिसके बाद कई अन्य सदस्य भी ‘अच्छा प्रॉफ़िट’ होने के स्क्रीनशॉट ग्रुप में डालते थे। इसी झांसे में आकर विनय कुमार ने 20 दिनों के भीतर ठगों द्वारा बताए गए 17 अलग-अलग खातों में कुल 69 लाख 3 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए।
जब पैसे निकालने चाहे, तो फंसा नया जाल
जब पीड़ित ने अपने निवेश किए गए पैसे निकालने का प्रयास किया, तो ठगों ने उनसे और ज़्यादा रकम की मांग की। यहीं पर उन्हें ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने तुरंत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल, पीएम ग्रीवांस और साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस कर रही कार्रवाई, खाते फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू
पुलिस के अनुसार, विनय कुमार की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है और ठगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही, जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं, उन्हें फ्रीज (स्थगित) कराने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है ताकि ठगी गई रकम को बचाया जा सके।
ठगों का नया तरीका : IPO से OTC ट्रेडिंग तक
पुलिस ने बताया कि पहले ठग लोगों को IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) दिलाकर बड़ा मुनाफ़ा कमाने का लालच देते थे। अब वे ओवर द काउंटर (OTC) ट्रेडिंग का झांसा दे रहे हैं, जहां शेयरों की खरीद-बिक्री सीधे खरीदार और विक्रेता के बीच होती है। पुलिस का कहना है कि निवेश के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार ज़्यादातर वे लोग होते हैं, जिन्हें शेयर मार्केट की थोड़ी-बहुत जानकारी होती है। ठग उनकी इसी जानकारी का फायदा उठाते हैं और ऐसे ऑफ़र देते हैं जो बाज़ार के हिसाब से विश्वसनीय लगते हैं, जिससे निवेशक आसानी से उनके झांसे में आ जाते हैं।