उत्तर प्रदेश के उन्नाव के बेसिक शिक्षा विभाग में कुल 32 कर्मचारी आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य कर रहे हैं। जिनमें सहायक लेखाकार, ब्लॉक एमआईएस, गुणवत्ता और ऑपरेटर शामिल है। जिन्हें 10 से 20 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है। अल्प मानदेय में काम करने वाले आउटसोर्सिंग कर्मचारी को समय से मानदेय नहीं मिलता है। लेकिन इस संबंध में मुंह खोलने से सभी डरते हैं। कहीं हटा ना दिया जाए।
विभागीय अधिकारियों की लापरवाही
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को समय से मानदेय नहीं मिलने के विषय में बताया गया कि यह विभागीय लापरवाही है। जो शासन के निर्देशों को भी नहीं मानते हैं। शासन ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक महीने की 5 तारीख को बिल बनाकर सेवा प्रदाता कंपनी को भेज दे। जिससे कि उनका मानदेय निकल सके। लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात अफसरों की लापरवाही के कारण ऐसा नहीं हो पता है।
बीएसए और सहायक वित्त लेखा अधिकारी की जिम्मेदार
जबकि यहां के जिम्मेदार अधिकारियों में बेसिक शिक्षा अधिकारी और सहायक वित्त लेखा अधिकारी है। सहायक वित्त लेखा अधिकारी सतीश पांडे ने बताया कि फरवरी महीने के लिए बजट की मांग की गई है। बहुत जल्दी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को मार्च, अप्रैल, मई का मानदेय दे दिया जाएगा। इपीएफ, ईएसआई की कटौती न होने के कारण यह समस्या आई है।