एक साल से नहीं जाग रहा विभाग, कलेक्टर ने लिया संज्ञान
स्कूल शिक्षिका के घर तो मध्याह्न भोजन जर्जर स्कूल में भी बन रहा है। शिक्षिका लीलावती ने बताया, बीआरसी के निर्देश पर घर से स्कूल चला रही हैं। जिला स्तर तक अफसरों को जानकारी दी पर कोई व्यवस्था नहीं हुई। अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली ने कहा कि गांव में यदि वैकल्पिक भवन नहीं है तो नए भवन निर्माण के लिए डीएमएफ मद से राशि स्वीकृत कर नया बनवाएंगे।
2024 से गिरने लगा प्लास्टर
2024 में स्कूल की दीवार और छत से प्लास्टर गिरने लगा। शिक्षिका लीलावती ने विभाग को सूचना दी। विभाग ने व्यवस्था नहीं की तो अफसरों के निर्देश पर वे घर से ही स्कूल चलाने लगीं। एक कमरे में बच्चे तो पढ़ रहे हैं, लेकिन यहां कुछ दिक्कत भी है। स्कूल में कक्षा ५वीं तक २९ विद्यार्थी हैं। इतने बच्चों को एक कमरे में बैठाना मुश्किल हो रहा है। साथ ही शौचालय का इंतजाम भी नहीं है।