एमपी में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक विरासत का संवर्धन करने के लिए उज्जैन के होटल अंजुश्री में यह आयोजन किया गया है। ग्लोबल स्पिरिचुअल कॉन्क्लेव में PHDCCI-KPMG द्वारा आध्यात्मिक पर्यटन पर तैयार की गई एक विशेष रिपोर्ट भी जारी की जाएगी।
कॉन्क्लेव में कई महत्वपूर्ण सत्रों में आध्यात्मिक पर्यटन के विभिन्न आयामों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। ‘ज्योतिर्लिंग सर्किट’ पर एक विशेष सत्र होगा, जिसमें भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों के महत्व और उनके संरक्षण पर चर्चा होगी। ‘मंदिर अर्थव्यवस्थाएं’ नामक सत्र में भारत के प्रमुख मंदिर जैसे तिरुपति, वैष्णो देवी और काशी विश्वनाथ मंदिर के स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देने पर चर्चा होगी।
उज्जैन की आध्यात्मिक शक्ति पर विशेष फोकस
कॉन्क्लेव में “महाकाल का मंडल: उज्जैन की आध्यात्मिक शक्ति और शहरी भविष्य” उज्जैन शहर पर केंद्रित एक विशेष सत्र रखा गया है। यहां “मन, शरीर और आत्मा: नई आध्यात्मिक सीमा के रूप में कल्याण”, “डिजिटल में दिव्य – आध्यात्मिकता 2.0” जैसे विषयों पर भी चर्चा होगी।
सभी पर्यटन क्षेत्रों की पूरी सम्भावनाएं विद्यमान
कॉन्क्लेव का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पर्यटन को लेकर मध्यप्रदेश सरकार की कोशिशों की सराहना की। उन्होंने कहा कि देश में कभी राजस्थान के टूरिज्म सेक्टर में सर्वश्रेष्ठ निवेश नीतियां थीं लेकिन आज मध्यप्रदेश ने उसको भी पीछे छोड़ दिया है। पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रदेश में सभी पर्यटन क्षेत्रों की पूरी सम्भावनाएं विद्यमान हैं। ग्लोबल स्पिरिचुअल कॉन्क्लेव के समापन पर प्रतिनिधियों को महाकालेश्वर और काल भैरव मंदिरों के दर्शन कराए जाएंगे। सीएम मोहन यादव ने कहा है कि यह कॉन्क्लेव निश्चित रूप से एमपी के साथ भारत की आध्यात्मिक शक्ति को वैश्विक पटल पर और भी अधिक मजबूती प्रदान करेगी।