कर्मचारियों के बयानों में सामने आया कि निरीक्षक के साथ विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष ने धक्का मुक्की कर जबरन प्रवेश किया। हालांकि बयानों को लेकर सबंधित अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। अन्य कर्मचारियों ने भी गोलू शुक्ला और रुद्राक्ष के प्रवेश को गलत तरीके से जबरन प्रवेश करना बताया। कुछ कर्मचारियों ने तो यह भी बयान दिए हैं कि रुद्राक्ष ने उन्हें प्रवेश करने के दौरान रोकने पर धमकाया था।
कलेक्टर ने बनाई 3 सदस्य जांच समिति
ज्ञात रहे विधायक शुक्ला और उनके बेटे रुद्राक्ष के लोगों के विरोध को देखते हुए कलेक्टर के आदेश पर गठित तीन सदस्यीय जांच समिति को सात दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा था। जांच समिति में मंदिर के सुरक्षा अधिकारी जयंत राठौर, उप प्रशासक एसएन सोनी, नायब तहसीलदार हिमांशु कारपेंटर शामिल किया था। जांच अधिकारियों का कहना है कि महाकाल सवारी और नागपंचमी दर्शन की व्यवस्था के चलते जांच प्रभावित हुई थी।
तय कर लिए जांच के बिंदू
जांच नागपंचमी की वजह से प्रभावित हुई थी अब फिर से शुरु कर दी है, बिंदू भी तय हो गए हैं। भस्मारती निरीक्षक सहित अन्य कर्मचारियों के बयान लिए गए हैं। इसी सप्ताह रिपोर्ट कलेक्टर को पैश कर दी जाएगी।- जयंत राठौर, सुरक्षा अधिकारी, महाकाल मंदिर
आइटी सेल से मांगे फुटेज, पूछा- बंद होने का कारण
विधायक गोलू शुक्ला और उनके पुत्र रुद्राक्ष के गर्भगृह में प्रवेश को लेकर मंदिर समिति की चूक भी सामने आई थी। मीडिया ने जब दोनों के प्रवेश को लेकर सीसीटीवी मांगे तो समिति कर्मचारियों का कहना है, कुछ समय के लिए सीसीटीवी बंद हो गए। ऐसे में मंदिर समिति के जिमेदारों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जांच टीम ने आइटी सेल से घटना वाले दिन के सीसीटीवी फुटेज तो मांगे, साथ ही कैमरे क्यों बंद हो गए थे। इसका कारण भी लिखित में देने को कहा है। यह बात भी सामने आ रही है अक्सर कुछ समय के लिए भस्मारती के दौरान गर्भगृह के कैमरे बंद हो जाते हैं। आशंका जताई जा रही है, इन कैमरों के बंद होने के दौरान अवैध तौर पर राजनीतिक पार्टी से जुड़े लोगों को सोला पहनाकर प्रवेश कराया जाता है। हालांकि इसकी पुष्टी नहीं हो पाई परंतु दबी जुबान से मंदिर कर्मचारी यह बात स्वीकार कर रहे हैं।