यह भी जानें स्थिति
4172 मीट्रिक टन चांदी का आयात गत चार माह में हुआ1.10 लाख प्रति किलो तक भाव पहुंचने का है अनुमान
1.30 लाख प्रति किलो भाव अगले 2-3 साल में संभव
6000 रुपए तक रिटर्न चांदी ने दिया गत चार माह में
कीमतों में तेजी की ये वजह
औद्योगिक मांग में बढ़त : चांदी का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल, ऑटोमोटिव, और चिकित्सा उपकरणों में व्यापक रूप से होता है। वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर, खासकर सौर ऊर्जा ने चांदी की मांग को बढ़ाया है।Banswara Crime : लॉकेट ने खोला युवती की हत्या का राज, आरोपी का नाम सुन परिजन चौंके, अवैध सम्बंध थी मुख्य वजह
आगे क्या… भविष्य की संभावनाएं
1- सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में चांदी की मांग अगले कुछ वर्षों में और बढ़ने की उमीद है। विशेष रूप से, हमारे देश में नवीकरणीय ऊर्जा पर बढ़ते निवेश से चांदी की मांग को समर्थन मिलेगा।2- चांदी को सोने की तुलना में अधिक किफायती और तरल निवेश माना जाता है। अगले 2-3 साल में चांदी सोने से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है, क्योंकि औद्योगिक मांग लगातार बढ़ रही है।
3- चांदी की कीमतें वैश्विक बाजार की अस्थिरता, रुपए-डॉलर विनिमय दर और सरकारी नीतियों से प्रभावित रहेंगी। यदि रुपए का मूल्य गिरता है तो देश में चांदी की कीमतें और बढ़ सकती है।
4- वैश्विक व्यापार तनाव में कमी से चांदी की मांग पर असर पड़ सकता है, जिससे कीमतों में गिरावट हो सकती है। जुलाई-सितंबर में औद्योगिक मांग कम होने पर कीमतें थोड़ी कम हो सकती है।
5- शादी और त्योहारों के चलते आगामी अक्टूबर माह से दिसंबर माह तक चांदी की मांग और बढ़ सकती है, ऐसे में आगामी समय में भी निवेश और उपभोग दोनों में बढ़ोतरी बनी रहेगी।