Isarda Dam: टोंक। सवाई माधोपुर और दौसा जिले में पेयजल आपूर्ति की दृष्टि से महत्वपूर्ण ईसरदा बांध का निर्माण कार्य मिशन मोड पर किया जा रहा है। बांध के निर्माण का 95 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है। बांध के पियर्स एवं गेटों का कार्य पूरा हो चुका है। मिट्टी के बांध का आंशिक कार्य ही शेष है। इसके साथ ही ईसरदा बांध निर्माण से बीसलपुर का ओवरफ्लो पानी बनास में रूकेगा।
ईसरदा बांध परियोजना के अधिशाषी अभियंता विकास गर्ग ने पत्रकारों को बांध के निर्माण कार्य, फिल्टर प्लांट साइट के कार्यों का निरीक्षण कराया। साथ ही प्रगतिरत कार्यों, प्रभावित परिवारों को भूमि आवंटन, पुनर्वास अवार्ड कार्य की पूर्णता के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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प्रथम चरण में पूर्ण भराव स्तर 262 आरएल मीटर तक
ईसरदा बांध बीसलपुर बांध के डाउन स्ट्रीम में ग्राम बनेठा (तहसील उनियारा) टोंक के पास बनास नदी पर बनाया जा रहा है। इसका निर्माण दो चरणों में किया जाना है। प्रथम चरण में डेम का निर्माण पूर्ण भराव स्तर 262 आरएल मीटर (भराव क्षमता 10.77 टीएमसी) तक पूर्ण किया जाएगा। इसमें पानी का भंडारण 256 आरएल मीटर भराव क्षमता 3. 24 टीएमसी है। दूसरे चरण में बांध में पूर्ण भराव क्षमता 262 आरएल मीटर तक पानी संग्रहित हो सकेगा।
अगले मानसून में भरेगा बांध
आगामी मानसून के दौरान बांध में जल संग्रहित किया जा सकेगा। इसके बाद दौसा के 1 हजार 79 ग्राम और 5 शहरों तथा सवाई माधोपुर के 1 शहर तथा 177 गांवों में पेयजल की सुचारू आपूर्ति हो सकेगी। यह परियोजना जल संकट समाधान के साथ बीसलपुर बांध के अधिशेष पानी और बनास नदी के बारिश के जल का कुशल प्रबंधन भी सुनिश्चित करेगी। साथ ही ईसरदा बांध से रामजल सेतु लिंक परियोजना (संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी लिंक परियोजना) के तहत अन्य बांधों को पेयजल के लिए आपूर्ति हो सकेगी।
बनास में बढ़ेगा जल स्तर
ईसरदा बांध निर्माण से बीसलपुर का ओवररफलो पानी बनास में रूकेगा। गहलोद रपट तक पानी का भराव होगा। बनास में पानी रहने से कृषि उत्पादन बढ़ने से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। जमीन का वाटर लेवल में सुधार होगा। लोराइड में कमी आएगी।
बांध निर्माण में ओवरलों वाले भाग में स्पिलवेय ब्रिज में स्लैब निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। अभी तक 28 के विरुद्ध 28 स्लैब डाली जा चुकी है। साथ ही 28 पीयर्स के विरुद्ध 28 पियर्स वांछित ऊंचाई तक पूर्ण किए जा चुके है। बांध में 84 गर्डर के विरुद्ध 84 गर्डर लॉन्च किए गए है। बांध में 28 ब्लॉक एप्रेन के विरुद्ध 27 ब्लॉक एप्रेन का निर्माण किया जा चुका है। बांध में 28 पावर पैक रूम के विरुद्ध 28 पावर पैक रूम और 28 रेडियल गेट के विरुद्ध 28 रेडियल गेट का निर्माण हो गया है। बांध में 56 हाइड्रोलिक सिलेंडर के विरुद्ध 56 हाइड्रोलिक सिलेंडर भी लगाए जा चुके हैं। मिट्टी के बांध का कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। मुख्य बांध का कार्य लगभग 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है।
क्षेत्र में हरियाली भी बढ़ेगी
टोंक के ईसरदा बांध को लेकर तेजी से काम पूरा किया जा रहा है। इस बांध के बनने से किसानों को सिंचाई में सुविधा मिलेगी वहीं कई गांवों और शहरों को स्वच्छ पेयजल भी उपलब्ध हो सकेगा। इससे क्षेत्र में हरियाली भी बढ़ेगी।