मदननगर खदान के लिए बलरामपुर, सूरजपुर जिले के मदननगर, जगन्नाथपुर, चौरा व कनकनगर ग्राम की जमीन अधिसूचित की गई। अधिसूचना के बावजूद ग्रामीण खदान (Coal Mines Survey) के विरोध में मुआवजा नहीं ले रहे है। इस बीच प्रबंधन द्वारा बिना मुआवजा दिए खदान खोलने की जल्दबाजी में बीते कुछ महीने से सर्वे, सीमांकन का प्रयास किया जा रहा था।
इस बीच सोमवार की सुबह अचानक प्रबंधन द्वारा भारी पुलिस बल की मौजूदगी गांव में सर्वे (Coal Mines Survey) और सीमांकन का प्रयास किया गया। मामले की जानकारी लगने पर प्रभावित लोगों ने मौके पर पहुंच जमकर विरोध किया। इस दौरान ग्रामीण और पुलिस-प्रशासन आमने सामने आ गए।
भारी विवाद के बीच माहौल बिगड़ता देख पुलिस-प्रशासन, प्रबंधन बिना सर्वे किए बैरंग लौट गए। हालांकि देर शाम तक गांव में तनाव बना रहा। इस दौरान एसडीएम ललिता भगत, तहसीलदार चंद्रशिला जायसवाल, नायब तहसीलदार मुकेश दास, एसडीओपी सौरव उइके, एसएस पैकरा, राजेश जोशी, थाना प्रभारी अमित कौशिक, चौकी प्रभारी योगेंद्र जायसवाल समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
ये भी पढ़ें: Huge road accident: बाइक भिड़ंत में देवर-भाभी समेत 3 की मौत, चेकअप कराने आ रहे थे मेडिकल कॉलेज अस्पताल Coal Mines Survey: बिना मुआवजा और अधिग्रहण के कैसे सर्वे
प्रभावित ग्रामीणों ने बताया कि प्रबंधन स्तर से लेकर कोल इंडिया स्तर पर कई लिखित मांग पत्र और शिकायत दी गई। कोल कंट्रोलर स्तर पर बैठक भी हुई, लेकिन मांग और शिकायत का आज तक कोई उचित निराकरण नहीं किया गया, न ही मामले में क्या कार्यवाही हुई, इसकी (Coal Mines Survey) जानकारी साझा की गई।
बगैर निराकरण के अधिग्रहण प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। अब बिना मुआवजा दिए बलपूर्वक सर्वे कराने से आक्रोशित ग्रामीण भडक़ गए हैं। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि बिना मुआवजा वितरण और जमीन अधिग्रहण के किसी भी प्रकार के सर्वे और सीमांकन का विरोध जारी रखेंगे।
ये भी पढ़ें: Murder in illegal relation: महिला ने पति के साथ मिलकर की पूर्व प्रेमी की हत्या, शादीशुदा होकर भी बनाना चाहता था अवैध संबंध अंबिकापुर-प्रतापपुर मार्ग पर बाधित हुआ आवागमन
अंबिकापुर-प्रतापपुर मार्ग पर ग्राम मदननगर में मुख्य मार्ग के समीप सर्वे (Coal Mines Survey) कार्य शुरू करने की सूचना पर बड़ी संख्या में ग्रामीण विरोध के लिए उमड़ पड़े। मौके पर पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों के आमने-सामने आ जाने से तनातनी की स्थिति निर्मित हो गई।
इस बीच भीड़ के सडक़ पर आ जाने से मुख्य मार्ग भी बाधित हो गया। विवाद गहराता देख पुलिस ने किसी तरह मार्ग पर आवागमन बहाल कराया और फिर ग्रामीणों के आक्रोश को देख पुलिस प्रशासन के लोग भी बैरंग वापस लौट गए।