डीजीपी राजीव कृष्ण मंगलवार की रात वाराणसी से लखनऊ लौटने के दौरान सुल्तानपुर जिले के अमहट स्थित पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र पर कुछ देर के लिए रुके थे। यहां जिलाधिकारी कुमार हर्ष, एसपी कुंवर अनुपम सिंह के अलावा आईजी अयोध्या प्रवीण कुमार सिंह के साथ कानून व्यवस्था को लेकर बैठक की। इस दौरान उन्होंने मीडिया से वार्ता की। पूछे जाने पर कि छोटे-बड़े तबके के अपराधियों की गिरफ्तारी मुठभेड़ के बाद की जा रही है, फिर भी अपराध घटता नजर नहीं आ रहा। इस पर डीजीपी ने कहा कि संगठित अपराध के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई करना कानूनी दायरे में आता है। रही बात क्षणिक अपराध की तो उस पर भी पुलिस पूरे मनोयोग से सख्ती के साथ कार्रवाई कर रही है। इस तरह के अपराधियों को सजा देने का अधिकार कोर्ट के पास है, जो कि हो रहा है।
उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण ने मंगलवार को कमिश्नरेट वाराणसी स्थित रिजर्व पुलिस लाइन का दौरा कर नवचयनित आरक्षियों के चल रहे ज्वाइंट ट्रेनिंग कोर्स (JTC) का निरीक्षण किया। प्रशिक्षण भवन, मेस, बैरक, कैन्टीन और शैक्षणिक संसाधनों का गहन निरीक्षण करते हुए उन्होंने इसे महज एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि यूपी पुलिस की भावी दिशा तय करने वाला ऐतिहासिक अवसर करार दिया।
निरीक्षण के बाद बैठक में डीजीपी ने प्रशिक्षण से जुड़े अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा ‘नवचयनित आरक्षियों का प्रशिक्षण’ जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर है, ‘जिसे पूरी प्रतिबद्धता, दक्षता और नेतृत्व क्षमता के साथ निभाया जाए।’
बैठक में डीजीपी ने संगठित अपराध, माफिया और असामाजिक तत्वों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने महिला सुरक्षा, जनसुनवाई में प्रभावशीलता पर जोर दिया। उन्हों साफ कहा कि कानून तोड़ने वालों के प्रति सख्ती बरती जाए, किसी भी स्तर पर सहानुभूति नहीं बरती जाए। बैठक में जोर देते हुए कहा कि उन्नत तकनीक के माध्यम से साइबर अपराध पर नियंत्रण पर कार्रवाई करें इसके साथ ही नागरिकों को जागरूक किया जाए।