उत्तर भारत में दोनां कंपनियों के बीज अधिक बिक रहे रीको में इन दोनोें कंपनियों की इन फैक्ट्री में नकली और गुणवत्ताहीन बीज को तैयार किया जा रहा था। कागजों में कृषि विभाग ने इन दोनों फैक्ट्री में बीजों को प्रमाणीकरण करने की अनुमति भी दे रखी है। लेकिन इसकी आड़ में नकली बीज का कारोबार हो रहा था। इन फैक्ट्री से तैयार हुआ यह बीज पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात प्रदेशों में भेजा जाता है। लंबे समय से इन दोनों कंपनियों के संचालकोे ने इस कारोबार से मोटी कमाई कर रियल एस्टेट में भी निवेश किया है। इन दोनों कंपनियों के कई भागीदाराें ने प्राइवेट कॉलोनियां और प्राइवेट मार्केट का निर्माण भी किया हुआ है।
फ्रोजन मटर का बड़ा खेल
रेडीेमेँड फ्रोजन मटर बनाने की प्रक्रिया इन फैक्ट्री में चल रही थी। 250 ग्राम से लेकर एक क्विंटल की अलग अलग पैकिंग में यह फ्रोजन मटर मटर की सब्जी को श्रीगंगानगर के अलावा हनुमनगढ़, चूरू, बीकानेर, जयपुर सहित राजस्थान के चुनिंदा जिलों के अलावा पड़ौसी पंजाब और हरियाणा में भी बेची जा रही थी। फ्रोजन मटर के बिजनस से भी फैक्ट्री और कंपनी संचालक अच्छा मुनाफा कमा रहे है। इन फैक्ट्री में फ्रोजन मटर की पैकिंग के कटटों को बाहर भिजवाने के लिए वहां लदी ट्रॉलियों केा भी सीज किय गया है। मंत्री मीणा ने बताया कि यह फ्रोजन मटर खाने में भले ही स्वाद हो लेकिन इसके साइड इफ़ैक्ट काफी ज्यादा है।
लोकल में अफसरों ने बना डाली थी दुकानदारी कृषि विभाग श्रीगंगानगर के लोकल अफसरों ने इन फैक्ट्री में नकली बीज के तैयार होने के बावजूद अपनी ओर से कभी जांच नहीं की। मंत्री मीणा के इस डिकॉय ऑपरेशन ने लोकल अफसरों की दुकानदारी की पोल खोल दी है। मंत्री मीणा ने बताया कि श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में लंबे समय से अंगद की पांव की तरह जमे अफसरों पर भी अब एक्शन किया जाएगा। मीणा की नकली और मिलावट बीजों के बड़ेव्यवसासियों पर हुई इस स्ट्राइक से इलाके में यह खेल के जिम्मेदारों पर एक्शन होने की उम्मीद जागी है।