राजस्थान में INDIA-PAK बॉर्डर पर खतरा टला, फिर क्यों खाली पड़े हैं हजारों बीघे खेत ?
Operation Sindoor: राजस्थान में INDIA-PAK बॉर्डर पर खतरा टला, फिर भी क्यों खाली पड़े हैं हजारों बीघे खेत ? पहलगाम में आतंकी अटैक और भारत की तरफ से चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान से तनाव ज्यादा ही बढ़ गया। इस दौरान राजस्थान की सीमा पर BSF ने तारबंदी पार के खेतों में किसानों के जाने पर रोक लगा दी।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर तारबंदी के पार खेत खाली पड़े हैं। (फाइल फोटो)
Operation Sindoor: श्रीगंगानगर । सीजफायर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच फिलहाल युद्ध का खतरा टल गया है, लेकिन श्रीगंगानगर सेक्टर समेत कई इलाकों में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर किसानों के हजारों बीघे खेत खाली पड़े हैं। तारबंदी के पार जिन किसानों की कृषि भूमि है, उन्हें कृषि कार्य के लिए वहां जाने की छूट अभी नहीं मिली है।
दरअसल, पहलगाम में आतंकी हमले के बाद BSF ने तारबंदी के उस पार किसानों को कृषि कार्य के लिए जाने पर रोक लगा दी थी। भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांव सुजावलपुर के किसान रेशम सिंह ने बताया कि दोनों देशों के बीच जब भी तनाव होता है तो तारबंदी के पार जिन किसानों की भूमि है, उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से वहां जाकर कृषि कार्य करने से रोक दिया जाता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ।
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तारबंदी के इसपार हटी पाबंदी
रेशम सिंह की दस बीघा भूमि तारबंदी के पार है। गनीमत रही कि इस बार रबी फसल की कटाई के बाद बीएसएफ ने पाबंदी लगाई। पहले लग जाती तो किसानों की गेहूं की पकी पकाई फसल बर्बाद हो जाती। रेशम सिंह ने बताया कि दोनों देशों के बीच तनाव के दौरान तो तारबंदी के इस पार भी किसानों को कृषि कार्य के लिए खेतों में जाने से रोक दिया गया था। हालांकि सीजफायर के बाद यह पाबंदी हटा ली गई है।
खेत पड़े हैं खाली, देखने नहीं जा पा रहे किसान
बॉर्डर से ही सटे गांव कोठा के किसान बब्बू बिल्ला ने बताया कि रबी फसल की कटाई होने के बाद भारत-पाक के बीच तनाव की स्थिति बनी तो बीएसएफ ने तारबंदी के पार खेतों में जाने पर पाबंदी लगा दी। सीजफायर के बाद भी यह पाबंदी हटी नहीं है। अभी गंगनहर में पानी भी नहीं है तो खरीफ की बिजाई होना मुश्किल है। हालांकि मानसून आने तक पाबंदी हटती है तो ग्वार की बिजाई की जा सकती है।
इस बार खाली रहेंगे तारबंदी के पार खेत
सीमावर्ती गांव हिन्दुमलकोट के किसान दर्शन सिंह भलूरिया की बीस बीघा जमीन तारबंदी के उस पार है। इस किसान का कहना है कि नहर में पानी नहीं आया है तो इस बार तारबंदी के पार उनके खेतों में खरीफ की बिजाई नहीं होगी, जिससे खेत खाली रहेंगे।