सूरत का यह दृश्य हमें उस भयावह भविष्य की याद दिलाता है जब शुद्ध हवा भी दुर्लभ हो जाएगी। हरियाली के बीच खड़ा यह मासूम चेहरा हमें चेतावनी देता है कि यदि आज हमने प्रकृति की रक्षा नहीं की, तो कल बच्चों को सांस लेने के लिए मशीनों पर निर्भर होना पड़ेगा। यह केवल सजावट नहीं, एक मौन पुकार है - अब भी समय है, प्रकृति से प्रेम करें, उसे बचाएं।