कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना के जवान और साधकों में फर्क नहीं है। सेना के जवान देश की रक्षा करते हैं, वहीं साधक तपस्या करके बुराइयों से दूर रहने का प्रयास करते है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक साधक में एक सैनिक और एक सैनिक में साधक विद्यमान रहता है। सैनिक और साधक दोनों एक बेहतरीन सुरक्षित और शांतिपूर्ण समाज की स्थापना के लिए कार्य करते हैं।
उन्होंने योग, अध्यात्म, सेना, अर्थव्यवस्था तथा आत्म सशक्तिकरण पर बात की। कार्यक्रम के दौरान ब्रह्मकुमारी संस्थान और भारतीय सेना के बीच एक एमओयू हस्ताक्षरित किया गया जिसके तहत सुरक्षा सेवा प्रभाग द्वारा सेना के सेवानिवृत अधिकारी और जवानों के लिए हर माह स्व सशक्तिकरण कार्यक्रम चलाया जाएगा।
इससे पहले रक्षा मंत्री ने संस्थान की मुख्य प्रशासिका दादी रतन मोहिनी को श्रद्धांजलि अर्पित की।