scriptये कैसा मॉक ड्रिल : एसडीएम की सूचना से पूर्व ही घटना स्थल से सिर्फ 200 मीटर पहले सारे विभागों की टीमें आ खड़ी हुई | What kind of mock drill is this: Even before the SDM's information, teams of all departments had gathered just 200 meters away from the incident site | Patrika News
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ये कैसा मॉक ड्रिल : एसडीएम की सूचना से पूर्व ही घटना स्थल से सिर्फ 200 मीटर पहले सारे विभागों की टीमें आ खड़ी हुई

– एडीएम और नगर परिषद आयुक्त मॉक ड्रिल की सूचना से पहले ही घटना स्थल से 100 मीटर दूर आकर खड़े हो गए थे, इसलिए एक मिनट बाद ही मौके पर पहुंचे एडीएम

ऑपरेशन शील्ड: सिर्फ रिजर्व जाब्ता ही अपने मूल स्थल पुलिस लाइन से मौके पर आया, जिसे मॉक ड्रिल स्थल पर पहुंचने में 17 मिनट लगे

– ज्यादातर विभाग अग्निशमन दस्ता की गाड़ियां, एंबुलेंस, चिकित्सा टीमें, नगर परिषद व सिविल डिफेंस, पुलिस आदि मॉक ड्रिल के घटना स्थल से 200 मीटर दूर पहले ही आकर खड़े हो गई थी

– गर्ल्स हॉस्टल की सात मंजिला बिल्डिंग में लगा है फायर फाइटिंग सिस्टम लेकिन सबसे पहले पहुंचे प्रशासन ने इसका इस्तेमाल तो दूर इसे चैक तक नहीं किया

सीकरJun 01, 2025 / 01:00 pm

Yadvendra Singh Rathore

सीकर.

श्री कल्याण मेडिकल कॉलेज, सांवली रोड पर शनिवार को ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल में शनिवार शाम 5 बजकर 2 मिनट पर मेडिकल कॉलेज परिसर में बने गर्ल्स हॉस्टल की सात मंजिला बिल्डिंग पर हवाई हमले किए गए। बिल्डिंग व इसके परिसर के आसपास हवाई हमले में काल्पनिक रूप से 12 बम गिराए गए। हालांकि मॉक ड्रिल शुरू होने से पहले ही ज्यादातर विभागों के अधिकारी, चिकित्सा विभाग की टीमें, 4 एंबुलेंस, नगर परिषद की क्रेन, सिविल डिफेंस की टीमें, पुलिस जाब्ता, यातायात पुलिस, इंटरसेप्टर, नगर परिषद की टीमें, होमगार्ड, अग्निशमन की गाड़ियां सहित अन्य विभागों के अधिकारी मॉड ड्रिल के स्थल से मात्र 200 मीटर की दूरी सांवली सर्किल पर ही खड़े थे। यहां तक कि मॉक ड्रिल में जिस डीजे से सायरन बजाया गया वह भी कल्याण सर्किल पर ही खड़ा किया गया। सायरन बजने के बाद मैसेज मिलते ही तुरंत पुलिसकर्मियों ने यातायात रोक दिया और सभी विभागों के वाहन मॉक ड्रिल के घटना पर पहुंच गए। जिला प्रशासन नगर परिषद व जिला कलक्टर ने वाहवाही लूटने के लिए ऐसा किया। जबकि वास्तव में घटनाक्रम घट जाए तो मौके पर प्रशासन, अग्निशमन, एंबुलेंस व पुलिस, सिविल डिफेंस को पहुंचने में काफी समय लगता है।

मॉक ड्रिल घटना में तीन मृतक, करीब 30 जने घायल-

मॉक ड्रिल शाम 5.2 बजे से लेकर 5.20 बजे तक करीब 18 मिनट चली। जिला कलक्टर मुकुल शर्मा ने बताया कि मॉक ड्रिल की घटना में तीन जनों की जान गई है। वहीं करीब 25 से 30 लोग घायल हुए। पांच मंजिला हॉस्टल बिल्डिंग से सिविल डिफेंस की टीम की ओर से स्ट्रेचर से एक शव उतारने व एक बच्ची व दो घायलों को रस्सी व सीढ़ियों से उतारने का अभ्यास किया गया। 25 से 30 घायलों को रेस्क्यू कर श्री कल्याण राजकीय अस्पताल पहुंचाया गया। जबकि तीन लोगों को मृत घोषित किया गया। सिविल डिफेंस की टीम ने मेडिकल कॉलेज की पांचवीं मंजिल से पांच लोगों को सुरक्षित निकाला। सिविल डिफेंस टीम ने एक बच्ची व एक घायल और एक मृतक के शव को पांचवीं मंजिल से रस्से की सहायता से नीचे उतारा। वहीं एक घायल को युवक ने सीढि़यों से अपनी पीढ़ पर लादकर नीचे उतारा।

साल मंजिला हॉस्टल में लगे फायर फाइटिंग सिस्टम को छुआ तक नहीं:

गर्ल्स हॉस्टल की सात मंजिला बिल्डिंग में फायर फाइटिंग सिस्टम व आग बुझाने के लिए अग्निशमन के सभी उपकरण, पाइप आदि लगे हुए हैं। लेकिन सबसे पहले पहुंचे प्रशासन ने इसका इस्तेमाल तो दूर इसे चैक तक नहीं किया। मॉक ड्रिल में हो या कहीं वास्वत में आगजनी, हादसा हो तो सबसे पहले स्थानीय बिल्डिंग व आसपास में लगे अग्निशमन के उपकरणाें पानी, फायर फाइटिंग सिस्टम को काम में लिया जाता है लेकिन सिविल डिफेंस और वहां मौजूद लोगों ने ऐसा नहीं किया।

छोटी दमकल की गाड़ी नहीं चली-

मेडिकल कॉलेज के मॉक ड्रिल वाले स्थान गर्ल्स हॉस्टल के बाहर पहुंची अग्निश्मन दस्ते की छोटी गाड़ी से पानी नहीं चल सका। आग बुझाने के लिए उसे चालू किया तो पाइप फैल हो गया। इस पर बड़ी दमकल को चालू कर उससे आग बुझाई गई।

इस प्रकार रहा क्विक रेस्पॉन्सटाइम:

सभी विभाग जिनमें सिविल डिफेंस, नगर परिषद के अधिकारी, क्रेन व अन्य वाहन, अग्निशमन, चिकित्सा विभाग की एंबुलेंस व चिकित्साकर्मी, पुलिसकर्मी मॉक ड्रिल स्थल से महज 200 मीटर की परिधि में सांवली सर्किल आकर पहले से खड़े हो गए थे। ऐसे में क्विक रेस्पॉन्स टाइम में बहुत कम समय लगा। जबकि ये सभी विभाग अपने निर्धारित कार्यालय से आते तो मॉक ड्रिल वाली घटना पर पहुंचने में तीन गुना से अधिक समय लगता।
शनिवार शाम 5.2 बजे श्री कल्याण मेडिकल कॉलेज के अंदर गर्ल्स हॉस्टल में हवाई हमले की सूचना मिली। हमले की सूचना मिलते ही सबसे पहले एडीएम रतन कुमार 5 बजकर 3 मिनट पर मौके पर पहुंचे। जबकि एडीएम की गाड़ी घटना के सिर्फ एक मिनट बाद 5.3 बजे सांवली सर्किल पर थी, अपने बंगले से उनकी गाड़ी एक मिनट में ही सांवली सर्किल कैसे पहुंच गई।
– कलक्टर मुकुल शर्मा व एसपी भुवन भूषण यादव शाम 5.6 बजे मॉक ड्रिल वाले स्थान पर पहुंचे।

– अग्निशमन दस्ते की दो छोटी गाड़ियां व 3 बड़ी अग्निशमन गाड़ियां 5.4 के आसपास पहुंची।
– पहली एंबुलेंस 5.4 बजे घटना स्थल पर पहुंची। कुल 9 एंबुलेंस आई, जिनमें से छह सांवली सर्किल पर पहले से खड़ी थी।

– नगर परिषद टीमें सांवली सर्किल से 5.5 बजे पहुंची।
– नगर परिषद आयुक्त शशिकांत शर्मा मॉक ड्रिल की सूचन मिलने पहले ही 5.58 बजे सांवली सर्किल से निकल गए थे।

– पुलिस की कोबरा व क्यूआरटी टीमें 5.08 पर पहुंची।

– पुलिस के रिजर्व जाब्ता की बस पुलिस लाइन से सबसे देरी से 5.17 बजे मौके पर पहुंचा, जो कि अपने निश्चित स्थान पुलिस लाइन से रवाना होकर 19 मिनट में मॉक ड्रिल वाले स्थान पर पहुंची।

एसडीएम ने मॉक ड्रिल में दी बम गिरने की सूचना-

सीकर एसडीएम निखिल पोदार ने कन्ट्रोल रूम में फोन कर कन्ट्रोल रूम के प्रभारी बनवारी लाल भूकर, सोहन लाल शर्मा को श्री कल्याण मेडिकल कॉलेज सांवली में एयर स्ट्राईक की सूचना दी। उन्होंने तत्काल प्रभाव से इसकी जानकारी जिला कलक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक को दी। जिला प्रशासन ने त्वरित कार्यवाही शुरू की।

ये अधिकारी पहुंचे मॉक ड्रिल स्थल पर-

मॉक ड्रिल की निगरानी जिला कलक्टर मुकुल शर्मा, पुलिस अधीक्षक डीआईजी भुवन भूषण यादव, सीओ सिटी प्रशांत किरण, एडीएम रतन कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेंद्र सिंह जोधा, मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. अशोक चौधरी, सीएमएचओ डॉ. अशोक महरिया, राजस्व अधिकारी महेश योगी, होमगार्ड कम्पनी कमांडर जयपाल, संतोष चौहान प्लाटून कमांडर, चीफ वार्डन मदन सिंह कुड़ी ने की।

इनका कहना है-

मॉक ड्रिल अभ्यास का मकसद आपदा प्रबंधन में विभिन्न विभागों की तैयारियों को परखना था। विभाग के सभी अधिकारियों मीडिया व सभी लोगों को मॉक ड्रिल के समय का पता था, इसलिए कुछ विभाग व दस्ते मौके के लिए पहले ही रवाना हो गए थे। हालांकि सिविल डिफेंस, चिकित्सा टीम, अग्निश्मन दस्ते सहित सभी ने मॉड ड्रिल में बेहतर कार्य किया है। मैं व एसपी मैसेज मिलते ही बंगले से मॉक ड्रिल स्थल के लिए निकले थे। कुछ विभाग पहले से मॉक ड्रिल के लिए निकल गए थे।
मुकुल शर्मा, कलक्टर, सीकर

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