बता दें कि घटना रविवार सुबह आठ बजे की है। तीनों अपने गांव से अजीतगढ़ क्षेत्र के जगदीश धाम मंदिर जा रहे थे। जब समय पर दंपती और बच्ची घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने ढूंढना शुरू किया। उनके नहीं मिलने पर परिजनों ने पुलिस में शिकायत दी। इस पर पुलिस ने राजूराम के मोबाइल की लोकेशन निकाली। लोकेशन धाराजी घाटी की निकली।
जमा हो गए थे समाज के लोग
परिजन मौके पर पहुंचे और मूंगफली के छिलकों में दबे तीनों के शव सोमवार सुबह बाहर निकाले। हादसे की सूचना पर जयपुर और सीकर जिले के विभिन्न गांवों के गुर्जर व अन्य समाज के लोग जमा हो गए। उन्होंने तीनों के शवों को धाराजी घाटी सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। लोगों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
पुलिस के पहुंचते ही लोगों ने रोष जताया
अजीतगढ़ थानाधिकारी मुकेश सेपट और 108 एंबुलेंस के पहुंचने पर लोगों ने रोष जताया। सुबह 11 बजे नीमकाथाना के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गिरधारी लाल शर्मा, अजीतगढ़ उप पुलिस अधीक्षक उमेश गुप्ता, तहसीलदार जगदीश बैरवा और एसडीएम अनिल कुमार, प्रधान शंकरलाल यादव, थोई थानाधिकारी महेंद्र मीणा, श्रीमाधोपुर थाने की उपनिरीक्षक दीप्ति रानी भी घटना स्थल पर पहुंचे।
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इस पर बनी सहमति
करीब दो घंटे वार्ता के बाद लोगों ने मृतकों के परिजनों को 50 लाख मुआवजा, एक लोग को सरकारी नौकरी देने की मांग रखी। इस पर प्रशासन की तरफ से एसडीएम अनिल कुमार और तहसीलदार जगदीश बैरवा ने उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद दोपहर एक बजे तीनों का अजीतगढ़ अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया।
सरकार को फोर लेन का प्रस्ताव देंगे
एसडीएम अनिल कुमार एवं तहसीलदार जगदीश बेरवा ने उचित मुआवजे का आश्वासन दिया। साथ ही कहा पुलिस रात में दिन में तीन-चार बार इस मार्ग पर गश्त करेगी। सरकार को लिखा जाएगा की इस मार्ग पर दुर्घटनाएं ज्यादा हो रही है जिस कारण इस मार्ग को जल्दी ही फोर लाइन में स्वीकृति प्रदान की जाए एवं सड़क मार्ग की साइड में पड़ रहे गहरे गड्ढों की समस्या का समाधान किया जाए।
लोगों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। उसके बाद ग्रामीण व परिजन ने दोपहर एक बजे माने। पुलिस एंबुलेंस के जरिए तीनों शवों को अजीतगढ़ अस्पताल पहुंची जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
इस संबंध में उपखंड अधिकारी अनिल कुमार एवं तहसीलदार जगदीश प्रसाद बेरवा का कहना है कि संबंधित परिजनों की मांगों को उसे स्तर पर सरकार को अनुशंसा कर भेज दिया गया है सरकार जो आदेश देती उसी के अनुसार मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा दिलाया जाएगा।