33 साल बाद बना सिंथेटिक ट्रेक
सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक 105 मीटर लंबा व 70 मीटर चौड़ा है। 400 मीटर सिंथेटिक ट्रैक पर एथलीट अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत तैयारी कर सकेंगे। 33 साल बाद बने सिंथेटिक ट्रेक के तैयार होने के पांच माह बाद भी शिव नरेश कंपनी ने हैंडओवर नहीं किया है। इसका सीधा खामियाजा यहां के सैकड़ों एथलीटों व खिलाड़ियों को हो रहा है। अब जब 26 अगस्त से सेना भर्ती होने वाली है तो जिला कलक्टर मुकुल शर्मा ने खेल अधिकारियों पर दबाव बनाकर ट्रेक को जल्द हैंडओवर करवाने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
कंपनी ने अपने लाखों रुपए बचाए लेकिन एथलीटों के सपनों पर फेरा पानी-
शिव नरेश कंपनी को फरवरी या मार्च माह में ही सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक के बीच में बने मैदान पर लोन लगाना था। लेकिन गर्मियों का मौसम कगार पर आने के चलते पानी की व्यवस्था व लगातार लोन में पानी देने के खर्चे से बचने के लिए घास नहीं लगाई। ऐसा करके संबंधित कंपनी ने गर्मियों में लोन में पानी देने व मेंटीनेंस के लाखों रुपए तो बचा लिए लेकिन सैकड़ों एथलीटों व खिलाड़ियों की तैयारी व उनके सपनों पर पानी फेर दिया।
मिट्टी व कंक्रीट वाले ट्रेक पर दौड़ रहे एथलीट व खिलाड़ी-
जिला खेल स्टेडियम में बने मिट्टी व कंक्रीट के ट्रेक पर जगह-जगह गड्डे हो रखे हैं। व तेज बारिश में इस सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक पर पानी भर जाता है। ऐसे में एथलीट व अन्य खिलाड़ी सिंथेटिक ट्रेक बनने के बाद भी पानी भरे कंक्रीट व मिट्टी के ट्रेक पर दौडने को मजबूर हो रहे हैं। जिला प्रशासन व खेल अधिकारियों ने भी ट्रेक को हैंडओवर करने के पिछले पांच माह में सतत प्रयास नहीं किए।
इनका कहना है –
सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक का काम करीब फरवरी माह में ही पूरा हो गया था। गर्मियों में घास नहीं लगती, ऐसे में कंपनी ने ट्रेक हैंडओवर नहीं किया था। अगस्त माह में सेना भर्ती भी आयोजित होगी, ऐसे में हमने ट्रेक को हैंडओवर करने को लेकर पूर्व में भी शिव नरेश कंपनी को पत्र लिखे थे। जल्द ही ट्रेक हमें मिलने की संभावना है।
प्रकाशराम गोदारा, जिला खेल अधिकारी, सीकर