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एस्कॉर्ट सर्विस का झांसा दे 500 पीड़ितों से लाखों की साइबर ठगी, तीन गिरफ्तार

तीन युवकों के रैकेट खाते में रुपए आते ही नंबर ब्लेक लिस्ट में डाल देते, 6 मोबाइल, 3 चार्जर, 6 एटीएम कार्ड जब्त
आरोपी सोशल मीडिया पर शिवानी- B2B सर्विस के नाम से अपना विज्ञापन कर लोगों को झांसे में लेते थे

सीकरAug 21, 2025 / 12:42 pm

Yadvendra Singh Rathore

सीकर. साइबर थाना पुलिस टीम ने फर्जी एस्कॉर्ट सर्विस व मसाज के नाम पर लोगों से साइबर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 6 मोबाइल, 3 चार्जर, 6 एटीएम कार्ड, एक पावर स्विच बरामद हुआ है। आरोपी लोगों को सोशल मीडिया पर लिंक भेजकर वॉट्सएप के जरिए लोगों को मसाज के लिए लड़कियों की फाेटो भेजकर एस्कोर्ट सर्विस का झांसा देकर साइबर ठगी करते थे। आरोपी रोजाना 20 से 30 लोगों को ठगने का टारगेट रखते थे, जिससे कि जल्द मोटा पैसा कमाया जा सके। आरोपी अब तक 500 से अधिक लोगों को अपना शिकार बनाकर उनसे लाखों रुपए से अधिक की ठगी कर चुके हैं।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो से मिला इनपुट

साइबर थाना के थानाधिकारी डीवाइएसपी अनुज डाल ने बताया कि आरोपी एसके हॉस्पिटल के पास हनुमान टावर में किराए के फ्लैट में रहकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे। खाते में रुपए डालते ही कुछ ही समय में रुपए निकाल लेते थे। साइबर थाना पुलिस ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो से मिले इनपुट, ह्यूमन इंटेलिजेंस की सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई की है। साइबर थाना पुलिस ने फ्लेट पर दबिश देकर तीन आरोपी मनीष जाखड़ (21) पुत्र रामदेव जाट निवासी जाखड़ों की ढाणी किशनगढ़ रेनवाल, विकास कुमार(21) पुत्र जगदीश प्रसाद जाट निवासी करणपुरा लोसल और आर्यन(20) पुत्र रमेश जाट निवासी बस्सी नागा को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपी पिछले तीन से चार महीने से ये साइबर ठगी का रैकेट चला रहे थे।

मैंबर बनाने के बाद मोटी रकक खाते में डलवाते थे-

साइबर ठगी करने वाले तीनों आरोपी मेंबर बनाने के नाम पर पहले पीड़ित से 200 रुपए अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करवाते थे। युवकों को विश्वास में लेकर उन्हें उनके मोबाइल पर लड़कियों की फोटो भेजते और होटल की लोकेशन डालकर दोबारा से उनसे बैंक खाता में एक हजार से लेकर 10 हजार रुपए तक डलवा लेते थे। पीड़ित लोक-लाज के भय व बदनामी होने के कारण पुलिस थाना में शिकायत भी नहीं देते थे। आरोपी मोटी रकम भी नहीं वसूलते थे, जिसके चलते भी साइबर ठगी के शिकार उनकी शिकायत नहीं करते थे।

सोशल मीडिया पर अपना विज्ञापन करते थे आरोपी-

डीवाइएसपी अनुज डाल ने बताया कि आरोपियों ने सोशल मीडिया पर शिवानी- B2B सर्विस के नाम से अपना विज्ञापन कर रहे थे, इसी विज्ञापन को देखकर पीड़ित आरोपी साइबर ठगों का शिकार हो जाते थे। शिवानी- B2B पर जब कोई उस पर क्लिक करता तो सीधे वॉट्सऐपचैट का ऑप्शन खुलता था। इसके बाद आरोपी चैट करके लोगों को अपने झांसे में लेते थे। एक आरोपी के दोस्त ने तीनों युवकों को यह साइबर ठगी का काम सिखाया था।

पीड़ित के आसपास के होटल की लोकेशन व लड़की की फोटो डालते-

आरोपियों से चैट पर कोई पीड़ित किसी लड़की का फोटो मांगता तो उसे यह आरोपी इंटरनेट पर से कई लड़कियों की फोटो उठाकर भेजते थे। जैसे ही पीड़ित आरोपियों के झांसे में आकर उनके खाते में रुपए डालता, वैसे ही आरोपी पीड़ित के मोबाइल नंबरों को ब्लॉक कर देते थे। पीड़ित जब एस्कॉर्ट सर्विस या मसाज के लिए लोकेशन पूछता तो आरोपी पीड़ित की लोकेशन के आसपास के होटल्स का एड्रेस डालकर भेजे देते थे। साइबर थाना पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी,आईटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। कार्रवाई में साइबर थाना पुलिस के एएसआई दीनदयाल, कांस्टेबल लक्ष्मणराम, आनंद, भागीरथ मल, दिलावर और वीरेंद्र शामिल रहे।

शॉर्टकट से रुपए कमाने के चक्कर में नहीं पड़ें पीड़ित-

शॉर्टकट से पैसा कमाने के चक्कर में युवा अपराधी बन रहे हैं। युवाओं को अपराध के दलदल में जाने से बचना चाहिए और अपने कॅरियर पर ध्यान देना चाहिए। युवाओं को अपराध व अपराधी किस्म के लोग दोनों से बचना चाहिए।

गजेंद्रसिंह जोधा, एडिशनल एसपी, सीकर

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