ऑनबोर्ड सेंसर से डेटा प्राप्त किया गया और भविष्य में और अधिक ऊंचाई वाले एयरशिप उड़ानों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले फिडेलिटी सिमुलेशन मॉडल के विकास के लिए इसका उपयोग किया जाएगा। उड़ान में उनके प्रदर्शन मूल्यांकन के लिए लिफाफा दबाव नियंत्रण और आपातकालीन अपस्फीति प्रणालियों को तैनात किया गया था। परीक्षण दल ने आगे की जांच के लिए सिस्टम को पुनः प्राप्त कर लिया। उड़ान की कुल अवधि लगभग 62 मिनट थी।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल प्रथम उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली भारत की पृथ्वी अवलोकन और खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही क्षमताओं को अद्वितीय रूप से बढ़ाएगी, जिससे देश दुनिया के उन कुछ देशों में से एक बन जाएगा जिनके पास ऐसी स्वदेशी क्षमताएं हैं।
DRDO का सफल परीक्षण
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने सिस्टम के डिजाइन, विकास और परीक्षण में शामिल डीआरडीओ टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि, प्रोटोटाइप उड़ान हवा से हल्के उच्च ऊंचाई वाले प्लेटफॉर्म सिस्टम को साकार करने की दिशा में एक मील का पत्थर है जो समताप मंडल की ऊंचाइयों पर बहुत लंबे समय तक हवा में रह सकता है।