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सवाई माधोपुर

घुश्मा की भक्ति से खुश होकर शिवजी बने घुश्मेश्वर… 12वें ज्योतिर्लिंग के रूप में विख्यात; जानें राजस्थान के इस मंदिर से जुड़ी 10 रोचक बातें

Ghushmeshwar Mahadev Temple: राजस्थान में सवाईमाधोपुर जिले के शिवाड़ कस्बे में घुश्मेश्वर महादेव का अति प्राचीन मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि प्रकृति की गोद में बसे इस मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग विराजमान हैं

सवाई माधोपुरJul 19, 2025 / 03:55 pm

Anil Prajapat

Ghushmeshwar Mahadev Temple

घुश्मेश्वर महादेव मंदिर। फोटो: पत्रिका

Ghushmeshwar Mahadev Temple: राजस्थान में सवाईमाधोपुर जिले के शिवाड़ कस्बे में घुश्मेश्वर महादेव का अति प्राचीन मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि प्रकृति की गोद में बसे इस मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग विराजमान हैं, इनकी 12वें ज्योतिर्लिंग के रुप में मान्यता है। ज्योतिर्लिंग 16 घंटे जलहरी में जलमग्न रहता है। महादेव मंदिर के पौराणिक व धार्मिक महत्व के चलते प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु शिवाड़ पहुंचते हैं।
देवगिरी पर्वत पर बना घुश्मेश्वर मंदिर आस्था का केन्द्र होने के साथ ही अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के चलते श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। श्रावण मास व महाशिवरात्रि पर बहुत भीड़ उमड़ती है। देवगिरी पर्वत की तलहटी पर कैलाश पर्वत के प्रतिरूप पर विराजमान देवी-देवताओं की प्रतिमाएं व ग्यारह अन्य ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृतियां भी हैं।

मंदिर का इतिहास बड़ा ही अद्भुत

करीब 900 साल पुराने इस मंदिर का इतिहास बड़ा ही अद्भुत है। मान्यता है कि यहां घुश्मा नामक महिला प्रतिदिन 108 पार्थिव शिवलिंगों का पूजन कर तालाब में विसर्जित करती थी। जिसके नाम से ही घुश्मेश्वर महादेव विराजमान है। कहा जाता है कि घुश्मा नाम की एक ब्राह्मणी की भक्ति से खुश होकर शिवजी ने उसके नाम से यहां अवस्थित होने का वरदान दिया था। ऐसे में इस मंदिर को घुश्मेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।
Ghushmeshwar Mahadev Temple

महमूद गजनवी ने किया था आक्रमण

मंदिर के वरिष्ठतम पुजारी व ट्रस्टी सेवानिवृत्त शिक्षक नहनूंलाल पाराशर ने बताया कि मंदिर से जुड़ी कथा का उल्लेख शिव महापुराण कोटि रूद्र संहिता के अध्याय 32-33 में है। ऐतिहासिक तथ्यों के मुताबिक यहां महमूद गजनवी ने भी आक्रमण किया था। गजनवी से आक्रमण करते हुए युद्ध में मारे गए स्थानीय शासक चन्द्रसेन गौड़ व उसके पुत्र इन्द्रसेन गौड़ के यहां स्मारक हैं। अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण का भी उल्लेख है।
Ghushmeshwar Mahadev Temple

ऐसे पहुंचे घुश्मेश्वर धाम

शिवाड़ तक रेल मार्ग से पहुंचने के लिए जयपुर-मुंबई रेल मार्ग पर ईसरदा रेलवे स्टेशन पर उतरना होता है। यहां से 3 किलोमीटर दूरी पर शिवाड़ में यह मंदिर स्थित है। सड़क मार्ग व निजी साधनों व बस से जयपुर-कोटा मार्ग पर बरोनी से शिवाड़ पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा बौंली जामडोली व सवाईमाधोपुर से चौथ का बरवाड़ा होते हुए शिवाड़ पहुंच सकते हैं।

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