यह था मामला आईएचएस कॉलोनी निवासी विष्णु पुत्र बनवारी शर्मा ने 3 मई दर्ज कराई प्राथमिकी में बताया कि आरोपी सुनीता निवासी खण्डवा मध्यप्रदेश व पप्पू मीणा निवासी खेडला ने उसे मन पसन्द युवती से विवाह करवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद उसकाे अनुराधा का फोटो दिखाकर सम्पर्क कराया। आरोपियों ने इकरारनामा तैयार करवाकर 2 लाख लेकर 20 अप्रेल को विवाह करवा दिया था। लेकिन अनुराधा 2 मई रात को घर से जेवर-नकदी व मोबाइल लेकर फरार हो गई। एएसआई मीठालाल को अनुराधा के भोपाल होने की सूचना मिली थी। इस पर वे बोगस ग्राहक बनकर भोपाल पहुंचे और अनुराधा को गिरफ्तार किया है। पुलिस जेवरात व नकदी के बारे में पूछताछ कर रही है।
यूं देते हैं वारदात को अंजाम भोपाल में फर्जी विवाह करवाने वाले गिरोह की सदस्य रोशनी, सुनीता, रघुवीर, गोलू, मजबूत सिंह यादव, अर्जुन ग्राहकों से सम्पर्क करते हैं। यह लोग फर्जी स्थानीय एजेन्टों के माध्यम से विवाह के इच्छुक व्यक्तियों से सम्पर्क कर मोबाइल से फोटो दिखाते थे। इसके बाद युवती पसंद आने पर रुपए की डिमांड करते। गिरोह विवाह के इच्छुक लोगों से 2 से 5 लाख रुपए तक में सौदा तय करते हैं। उन्हें विश्वास दिलवाकर फर्जी तरीके से नाम पता बताते हुए एग्रीमेंट कर विवाह करवाते हैं। वहीं दुल्हन विवाह के करीब 5 से 7 दिन बाद अवसर पाकर फरार हो जाती हैं। विष्णु शर्मा के घर से फरार होने के बाद अनुराधा, गब्बर निवासी काला पीपल पन्ना खेडी भोपाल से 2 लाख रुपए लेकर पुन: विवाह कर उसके साथ रह रही थी।