रिपोर्ट में महिला ने आरोप लगाया कि 20 मार्च को उसके पति मानसिंह को सीओ सिटी उदयसिंह मीना ने वॉटसएप कॉल कर ऑफिस में बुलाया। मानसिंह ने छोटी बच्ची होने व पत्नी के गेहूं काटने की बात कहकर आने में असमर्थता जाहिर की। इस पर सीओ सिटी ने धमकाकर बच्ची को वहीं छोड़कर तुरंत ऑफिस आने को कहा। इसके बाद वह अपनी बेटी के साथ ऑफिस पहुंचा।
झूठी गवाही देने से इनकार पर दो घंटे तक मारपीट
इस दौरान सीओ सिटी ने महिला के पति को धमकाकर मानटाउन थाने के कांस्टेबल नरेश मीणा, विजय गुर्जर व बुद्धिप्रकाश के खिलाफ पांच लाख रुपए रिश्वत लेने का झूठा आरोप लगाने की बात कही। इस पर मानसिंह ने झूठी गवाही देने से मना कर दिया। इसके बाद सीओ सिटी ने महिला के पति के साथ करीब दो घंटे तक मारपीट की। वहीं महिला के पति का फोन भी स्विच ऑफ कर दिया।
धमकी मिली तो पीड़ित ने पीया जहर
इसके बाद उसको कोतवाली थाने भेज दिया। फिर कोतवाली थाने से सीओ सिटी ऑफिस बुलाकर तीन लाख रुपए की मांग की। नहीं लाने पर 10 से 15 झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। सीओ सिटी की ओर से लगातार धमकी देने से मानसिंह ने जहर भी पी लिया था। इसके बाद मानसिंह को सूरवाल डिस्पेंसरी में भर्ती कराया, वहां से सवाईमाधोपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में भी सीओ ने धमकाया
अस्पताल में भी सीओ सिटी ने पैसे देने व कांस्टेबलों के खिलाफ बयान देने के लिए धमकाया। महिला ने आरोप लगाया कि लगातार धमकियां देने से उन्होंने बच्ची सहित आत्महत्या करने का प्रयास भी किया। इस संबंध में दी शिकायत पर सूरवाल थाना व पुलिस अधीक्षक की ओर से कार्रवाई नहीं करने पर पत्नी ने मुय न्यायिक मजिस्ट्रेट में इस्तगासा पेश किया। अब मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राम कुमार कस्वां कर रहे हैं।