औद्योगिक विकास निगम के मामलों में महानिरीक्षक ने कहा है कि कई मामलों में पट्टाधारी भूखंड का हस्तांतरण दूसरों के नाम कर देते हैं। ऐसे आवेदन निगम के पास आते हैं। इनके लिए तय अनुसूची के अनुसार स्टांप शुल्क लिया जाए और दस्तावेजों का पंजीयन कराया जाए। कुछ मामलों में पट्टाधारी संस्था के नाम परिवर्तन के आवेदन आते हैं, लेकिन यदि इसमें मूलभूत बदलाव शामिल हो तो यह केवल नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि हस्तांतरण माना जाएगा।
नगरीय निकायों के पट्टों पर भी सख्ती
नगरीय निकायों और विकास प्राधिकरणों द्वारा दिए गए एक साल या अधिक अवधि के पट्टा विलेखों पर भी स्टांप शुल्क अनिवार्य है। पट्टा अवधि खत्म होने पर नवीनीकरण विलेख पर भी स्टांप शुल्क लागू होगा। लीज होल्ड को फ्री होल्ड में बदलने या लीज राइट्स के हस्तांतरण पर भी शुल्क देना होगा। बिना पंजीयन के नामांतरण मान्य नहीं होगा। आयुक्त नगर निगम को इन नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। इस कदम से औद्योगिक भूखंडों के दस्तावेजों में पारदर्शिता आएगी और शासन को राजस्व हानि नहीं होगी।