7 महीने बाद पकड़ाई धोखाधड़ी की ‘लेडी मास्टरमाइंड’
पुलिस ने बताया कि मैहर की पुरानी बस्ती निवासी फरियादी समीर खान ने बीते साल 23 नवंबर 2024 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि धौरहरा निवासी पूजा मिश्रा ने अपने भाइयों विपिन तिवारी और विवेक तिवारी के साथ मिलकर 6.5 लाख रुपए में एक कार का सौदा किया था। आरोपियों ने रकम तो ले ली, लेकिन यह कहकर कार नहीं सौंपी कि फाइनेंस की किस्तें चल रही हैं। किस्त पूरी होने के बाद ही कार दी जाएगी। कुछ दिनों बाद समीर को ठगी का अहसास हुआ, जिसके बाद उसने मैहर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस की जांच में सामने आया कि कार संजय साकेत के नाम पर फाइनेंस कराई गई थी जो पूजा मिश्रा के पेट्रोल पंप पर कर्मचारी था, जिसे वह अमरपाटन में किराए पर चलाती है। संजय के नाम पर कार ली और संजन को ही नहीं पता था..
आरोपियों ने संजय के दस्तावेजों का चोरी-छिपे इस्तेमाल कर कार फाइनेंस करा ली थी। मैहर पुलिस ने इस मामले में डेढ़ महीने पहले पूजा के एक भाई विपिन तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दूसरा फरार आरोपी विवेक तिवारी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पूजा से आगे की पूछताछ की जा रही है। पुलिस को ये भी पता चला है कि सौदा और लिखापढ़ी के दौरान पूजा अपने भाई विवेक तिवारी को संजय साकेत बनाकर समीर के सामने लाई थी। विवेक ने संजय साकेत के नाम से हस्ताक्षर भी किए थे। हैरानी की बात ये है कि जिस संजय साकेत के नाम पर कार खरीदी गई गई उसे खुद इसका पता तब चला जब फाइनेंस कंपनी के बाउंसर उसके पास पहुंचे जिसके बाद उसने भी पुलिस में शिकायत की थी।