एक सिरफिरा… जो पेट्रोल पंप में सिगरेट पीते हुए नोजल से सैकड़ो लीटर पेट्रोल बहा देता है और उसे आग लगने का कोई डर नहीं लगता… एक सनकी जो अपने ही घर को आग के हवाले कर देता है… एक साइको जो अपने पड़ोसी पर सिर्फ इसलिए गोली चला देता है क्योंकि उसका अपने घर के सामने रहना गवारा नहीं लगता… एक झक्की जो पुलिस पर गोली इसलिए चला देता है क्योंकि उसे खाकी से नफरत है… ये कहानी है उस अच्छू गौतम उर्फ आदर्श शर्मा की जो प्रधान आरक्षक को थाने के कैंपस में इसलिए गोली मार देता है क्योंकि उसे बयान लेने के लिए थाने बुलाया गया था…
शुरू हुआ सबसे बडा मैनहंट ऑपरेशन 29 अप्रैल की रात कोई साढ़े 11 बजे रहे होंगे और प्रधान आरक्षक प्रिंस गर्ग थाना परिसर में बने बैरक में खाने की तैयारी में थे, तभी मुंह बांधे एक युवक आता है और उनका नाम पुकारता है और उधर देखते ही गर्ग को गोली मार कर भाग निकलता है। गर्ग उस गोली मारने वाले को पहचान जाते हैं। वो कोई और नहीं आदतन अपराधी और सिरफिरा 20 वर्षीय युवक अच्छू गौतम था। पुलिस पर हमला थाना परिसर में एक पुलिस कर्मी पर हुआ था। सो मामला पुलिस के इकबाल का था और सामने था सनकी अपराधी। लिहाजा सतना जिले का सबसे बड़ामैनहंट ऑपरेशन शुरू होता है। पुलिस की 10 सर्चिंग पार्टियां बनाई जाती हैं। लेकिन घटना के बाद से 4 अप्रैल तक आरोपी अच्छू की सिर्फ खबर मिल रही थी और वह पुलिस के पहुंचने के पहले मौके से गायब हो जाता था। आपरेशन की समस्या यह भी थी उसके पास दो कट्टे थे और वह अपने बचाव के लिए पुलिस या खुद पर भी फायर करने से गुरेज नहीं करता ऐसा सनक से भरा उसका पुराना इतिहास था। ऐसे में ऐहतियात भी काफी बरती जा रही थी।
पहली खबर घटना के दूसरे दिन जब अच्छू की तलाशी का अभियान चल रहा था पुलिस पार्टी उसके गांव और घर की तलाशी लेकर पहुंची थी और रात की थकान उतार भी नहीं पाई थी कि खबर आती है कि अच्छू ने अपने गांव में अपने घर के सामने रहने वाले एक कुशवाहा पर फायर झोंक दिया है। आनन फानन में पुलिस पार्टियां गांव पहुंचती हैं लेकिन अच्छू गायब हो चुका था। पता चलता है कि जिस कुशवाहा पर उसने गोली चलाई थी उसके बेटे से उसका पुराना बैर था और अब वह चाहता था कि पूरा परिवार यहां से घर छोड़कर चला जाए। पूरे गांव में तलाशी होती है। पता चलता है भोर के तड़के वह अपने घर आया था। वहां कोई नहीं था लिहाजा वहीं छिपा था। लेकिन अब वह फिर गायब हो चुका था। कोई बता रहा था कि वह सतना चला गया होगा कोई नहर किनारे होने की बात कह रहा था तो कोई कुछ और कहानी सुना रहा था। अच्छू अब कहानियों का लापता किरदार था।
दूसरी खबर पुलिस स्थानीय बसों में, गांव खेड़ों में, बागानों में, नदी के घाटों में, पगडंडियों में हर संभावित जगहों पर तलाश कर रही थी। तभी पता चलता है कि आरोपी ऊधव धाम मंदिर के पास देखा गया है। पुलिस पार्टियां रवाना होती हैं। फिर तलाश शुरू होती है। नहर किनारे एक पुलिस कर्मी को दिखाई देता है। पुलिस कर्मी पहुंचता उस तक पहुंचता है लेकिन अच्छू कट्टा तान देता है। बचाव में पुलिस कर्मी थोड़ा ठिठकता है और इसका फायदा उठाकर अच्छू दौड़ लगा देता है। जब तक अन्य बल पहुंचता अच्छू एक बार फिर नदारद हो चुका था।
घर के अंदर छिपी थी पुलिस इधर यह जानकारी मिली की अच्छू की सनक कुशवाहा को गोली मारने की है लिहाजा वह मेहुती स्थित घर जरूर जाएगा। ऐसे में कुछ पुलिस कर्मियों के घर के अंदर कर दिया जाता है और बाहर से कुण्डी चढ़ा दी जाती है। प्रयास था कि अगर घर में आता है तो उसे पकड़ लिया जाएगा लेकिन अच्छू यहां नहीं आया।
जब चीख पड़ा… पीठ में गोली मत मारना अच्छू अब घिर चुका था। हर जगह पुलिस उसे तलाश रही थी। उसके पास न मोबाइल था और न खाने के लिए पैसे। आने जाने का साधन भी नहीं था। लिहाजा आस पास के गांवों में एकांत की रिहाइश पर जाकर कट्टे के दम पर खाना पानी मांग रहा था तो राहगीरों से लिफ्ट ले रहा था। इस दौरान एक जगह पर उसने कहा था कि पुलिस मिलेगी तो वो अब छोड़ेगी नहीं लिहाजा कहूंगा कि पीठ में नहीं सीने पर गोली मारना। शार्ट एनकाउंटर में पुलिस द्वारा अपने बचाव में चलाई गई गोली से जब वह घायल होकर गिर पड़ा तो पुलिस वालों ने उसे चारों ओर से घेर लिया। इसके बाद उसे लगा कि अब उसे मार दिया जाएगा तो फिर उसने वहीं दोहराया कि पीठ में गोली मत मारना… अगर मारना है तो सीने पर मारना… बहरहाल पुलिस का ऐसा कोई इरादा नहीं था लिहाजा कंधों का सहारा देकर पुलिस उसे वाहन तक लाई फिर जिला अस्पताल पहुंची।
सेना की तैयारी ने बना दिया था धावक अच्छू पहले सेना में भर्ती होना चाहता था। जिसके लिए वह तैयारी भी करता था। उसकी दौड़ने की अच्छी प्रैक्टिस थी। 5 किलोमीटर का अच्छा धावक था। जब पुलिस को टिप मिली की वह नदी के किनारे देखा गया है। जब पुलिस पार्टी उस तक पहुंची और अच्छू पुलिस को अपनी ओर आता देखा तो इसी दौड़ की प्रैक्टिस से वह नदी के किनारे किनारे भाग निकला।
पिन प्वाइंट टिप ने दिलाई सफलता कई दिनों से पुलिस पार्टियां जिस तरीके से उसे ढूंढ़ रही थीं और अच्छू भाग रहा था इससे पुलिस को अच्छू के भागने, रुकने और छिपने का एक पैटर्न पता चल चुका था। तभी पुलिस को एक टिप मिली। टिप देने वाला एक राहगीर था जिससे अच्छू ने टिप मांगी थी। इसके बाद पुलिस ने फाइनल आपरेशन की तैयारी की। अंदाजा लगाया गया कि वह मड़फा मंदिर से ऊधव धाम के बीच नदी के किनारे पर हो सकता है। चार पार्टियां तैयार की गईं। नदी के दोनों किनारों पर दो-दो पार्टियों द्वारा सर्च आपरेशन शुरू किया गया। तभी यह पता चला कि टिकुरी अकौना मार्ग में ईंट भट्ठा के पास आरोपी की हरकत है। फिर क्या था सभी पार्टियों इस स्थल के लिए रवाना हुईं। दो दल बनाए गए। एक दल का नेतृत्व एसएचओ कोटर दिलीप मिश्रा कर रहे थे तो दूसरी ओर से रामपुर थाना प्रभारी संदीप चतुर्वेदी अपने दल के साथ आगे बढे। एसएचओ दिलीप मिश्रा की पार्टी पहले पहुंची। इन्हें देखते ही अच्छू ने दिलीप मिश्रा पर फायर झोंक दिया। गनीमत थी कि अच्छू की चलाई गोली एसएचओ की बुलेट प्रूफ जैकेट के पार नहीं जा सकी। खुद पर हमला होता देख मिश्रा ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अच्छू पर निशाना साधा। गोली भाग रहे अच्छू के घुटने पर लगी। वह लड़खड़ा कर गिर गया तभी सामने से रामपुर थाना प्रभारी संदीप चतुर्वेदी की पार्टी भी पहुंच गई। अच्छू अब जमीन पर गिरा पड़ा था और चारों ओर से पुलिस कर्मी उसे घेर रखे थे। आनन फानन में आरोपी का हथियार कब्जे में लिया जाता है। फिर उसे जिला अस्पताल लाया जाता है।