मौके पर क्या हुआ
एसडीएम चंदौसी विनय कुमार मिश्रा के नेतृत्व में दो बुलडोजर के साथ टीम मौके पर पहुंची। शनिदेव मंदिर में विधि-विधान से पूजा की गई। फिर मंदिर को हटाया का काम शुरू किया गया। सबसे पहले मंदिर के अंदर स्थापित मूर्तियों को निकाला गया। फिर बुलडोजर से मंदिर को हटाया गया। विरोध की स्थिति से निपटने के लिए पीएसी-आरआरएफ की टीम को तैनात किया गया था। प्रशासन का कहना है कि यह एक नियमित अतिक्रमण हटाओ अभियान का हिस्सा था, जिसमें किसी धर्म विशेष को निशाना नहीं बनाया गया। अधिकारियों ने साफ किया कि जनहित में यह कार्रवाई जरूरी थी, जिससे सड़क चौड़ी की जा सके और यातायात व्यवस्था सुधारी जा सके।
राजनीतिक दलों ने किया विरोध
हालांकि, स्थानीय लोगों और कुछ राजनीतिक दलों ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को पहले धार्मिक संगठनों से बात करनी चाहिए थी और फिर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे विपक्षी दलों ने सरकार पर धार्मिक स्थलों के प्रति असंवेदनशीलता का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने बयान जारी कर कहा कि सरकार दोनों समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काने का काम कर रही है, जो प्रदेश के सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा है।
फिलहाल इलाके में शांति बनी हुई है, लेकिन पुलिस और प्रशासन की टीम निगरानी में है ताकि किसी भी प्रकार की अफवाह न फैले और कानून-व्यवस्था बनी रहे।