गौरतलब है कि खुरई-खिमलासा मार्ग दिनोंदिन जर्जर होता जा रहा है। यहां पर चार पहिया वाहन निकालना, तो दूर की बात लोगों का पैदल निकलना भी मुसीबतों से भरा रहता है। यह मार्ग राहतगढ़, खुरई के रास्ते सीधा मालथौन में जम्मू कश्मीर-कन्याकुमारी मार्ग को जोड़ता है। जहां पर हर दिन सैकड़ों वाहन निकलते हैं, लेकिन उनके लिए काफी दिक्कत होती है। पिछले दिनों पूर्व मंत्री व खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह, केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी के लिए पत्र लिखकर इस मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा दिलाने की मांग भी कर चुके हैं। वर्तमान में इस सड़क पर रात के समय निकलना खतरों से खाली नहीं रहता है। क्योंकि सड़क के गड्ढे दिखाई नहीं देते हैं और वाहन इनमें गिर जाते हैं, जिससे कई लोग दुर्घटना का शिकार भी हो चुके हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी इसपर ध्यान हीं दे रहे हैं।
इसी मार्ग पर बनाया गया इंडस्ट्रियल एरिया इसी मार्ग पर एमपीआइडीसी ने इंडस्ट्रियल एरिया के लिए जगह चिन्हित की है, ताकि बीना रिफाइनरी के विस्तार होने के बाद इससे संंबंधिक कारखाने यहां खोले जा सकें, लेकिन इस सड़क का यही हाल रहा तो उद्योगपति यहां पर किसी भी प्रकार का उद्योग लगाने में दिलचस्पी नहीं दिखाएंगे। जबकि उनको आकर्षित करने लिए मूलभूत सुविधाओं का दिया जाना जरूरी है।