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संयम नहीं है तो आपका कल्याण नहीं हो सकता: अनंत सागर

यह बात मुनि अनंत सागर महाराज ने पार्श्वनाथ जैन मंदिर कटरा में पर्युषण पर्व के छठवें दिन उत्तम संयम धर्म के दिन कही।

सागरSep 03, 2025 / 04:41 pm

Rizwan ansari

संयम से इंद्रियों व मन पर लगाम लगती है, लेकिन असंयम से व्यक्ति बेलगाम यानी बिना ब्रेक की गाड़ी की तरह होता है। यदि संयम नहीं है तो आपका कल्याण नहीं हो सकता है। संसार में साधु तो बहुत है, लेकिन साधुता बिरलो में ही हुआ करती है। बगैर साधुता के आप लक्ष्य को पूरा प्राप्त नहीं कर सकते हैं। यह बात मुनि अनंत सागर महाराज ने पार्श्वनाथ जैन मंदिर कटरा में पर्युषण पर्व के छठवें दिन उत्तम संयम धर्म के दिन कही।
उन्होंने कहा कि सम्यक दर्शन, समय ज्ञान और सम्यक चरित्र यदि शुद्ध हो तो आप इसी भव में मोक्ष जा सकते हैं। नदी नालों पर बांध बनाना तो सरल है, लेकिन मन और इंद्रियों पर लगाम लगाना बहुत कठिन है। आचार्य भगवान कहते थे व्यक्ति का मन बंदर की तरह चंचल होता है। संयम के माध्यम से मन को लगाम लगाने से आपको फल मिलना निश्चित है। अकेले मुनि बनने से मोक्ष नहीं मिलता है, बल्कि मुनि के कर्तव्य से ही आप मोक्ष जा सकते हैं । एक बार आचार्यश्री ने कहा था की दीक्षा मैंने नहीं दी आपने ली है बाहरी संस्कार जरूर मैंने दिए हैं, लेकिन अंदर के कार्य आपको ही करना है गुरुदेव ने सभी को संयम का व्रत देकर मोक्ष मार्ग प्रशस्त किया है।
मुनि विमल सागर महाराज ने कहा कि जितना श्रम जीवन को चलाने में लगाया है, लेकिन कुछ समय संयम धारण कर ले एक ही भव में कर्मों की निर्जरा हो जाएगी व्यक्ति की जैसी सोच होती है। वह आगे जाकर वैसे ही बनता है। पॉजिटिव सोच से आगे और नेगेटिव सोच से पीछे जाता है। मुनि ने कहा कि भगवान बनने की शुरुआत भोजन पान की शुद्धि से होती है क्योंकि इससे विवेक जागृत होता है। संयम सिर्फ मनुष्य पर्याय में मिलता है ना स्वर्ग में,ना नरक में, ना ही पशु गति में मिलेगा और भाव बनने पर ही पर्याय मिलती है। चारों प्रकार के आहार जल का त्याग कर अपना कल्याण हो सकता है। मुकेश जैन ढाना ने बताया कि पयुर्षण पर्व के बाद मुनि संघ का नगर के सभी जैन मंदिरों में एक-एक दिन का प्रवास करेंगे। सागरोदय जैन तीर्थ क्षेत्र और मंगलगिरी जैन तीर्थ क्षेत्र की कमेटी के लोग मुनि संघ को श्रीफल समर्पित करने के लिए पहुंचे। 27 सितंबर से 5 अक्टूबर तक होने वाले समवशरण विधान के लिए लगातार पात्रों की सहमति होती जा रही है।

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