इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि नेहा जैन परिषद हित व लोकहित में अपने दायित्वों का विधिसम्मत पालन करने में सक्षम नहीं रहीं। उन्होंने नियमों के विपरीत कार्य किया। नेहा जैन पर लगे 4 आरोपों में से 3 आरोप प्रमाणित पाए गए। इसके बाद उनको पद से हटाया गया है।
देवरी नगर परिषद की अध्यक्ष नेहा जैन के खिलाफ जनवरी में बगावत का बिगुल बजा था। बीजेपी के 12 पार्षदों ने भोपाल आकर तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात कर उन्हें पद से हटाने की मांग की थी। अध्यक्ष नेहा अलकेश जैन पर भ्रष्टाचार करने और कांग्रेस समर्थित पार्षदों के साथ मिलकर मनमानी का आरोप लगाया गया था।
देवरी विधायक बृजबिहारी पटेरिया ने भी उन्हें हटाने की मांग की थी। परिषद के कुल 15 में से 13 पार्षदों के साथ भाजपा बहुमत में है। इनमें से 12 भाजपा पार्षदों ने अध्यक्ष पर कांग्रेस समर्थित दो पार्षदों के साथ मनमानी, भ्रष्टाचार सहित कई गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की थी। नाराज पार्षदों ने अध्यक्ष को नहीं हटाने पर इस्तीफा देने की भी चेतावनी दी थी।
दो साल पहले आमरण अनशन भी किया
बीजेपी पार्षदों ने अध्यक्ष को हटाने की मांग करते हुए दो साल पहले आमरण अनशन भी किया था। तब विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण आलाकमान ने आश्वासन देकर उन्हें शांत कराया था।