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एनसीआर में 8 सप्ताह में बनेंगे 5000 शेल्टर होम, सागर में अभी एक के लिए भी टेंडर नहीं

सात हजार से ज्यादा आवारा कुत्ते रोज 10 से 12 लोगों को काट रहे, नियंत्रण का कोई प्लान नहीं सागर. दिल्ली एनसीआर में आवारा कुत्तों पर आए सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश का देशभर के नगरीय निकायों में स्वागत हो रहा है। इंदौर महापौर के साथ सागर महापौर संगीता तिवारी ने फैसले का स्वागत करते […]

सागरAug 12, 2025 / 10:30 pm

नितिन सदाफल

सात हजार से ज्यादा आवारा कुत्ते रोज 10 से 12 लोगों को काट रहे, नियंत्रण का कोई प्लान नहीं

सागर. दिल्ली एनसीआर में आवारा कुत्तों पर आए सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश का देशभर के नगरीय निकायों में स्वागत हो रहा है। इंदौर महापौर के साथ सागर महापौर संगीता तिवारी ने फैसले का स्वागत करते हुए यह आदेश देशभर में लागू करने की मांग की है। वह सागर में शेल्टर होम बनान के लिए भी राजी हैं। शहर में करीब 7 हजार से ज्यादा आवारा कुत्ते घूम रहे हैं और रोज बच्चों, महिलाओं सहित जानवरों पर हमला कर रहे हैं। शहर में रोज डॉग बाइट के 10-12 केस सामने आते हैं। पीडि़त कुत्तों के शेल्टर होम बनाने की मांग कर रहे हैं। नगर निगम ने पिछले 27 साल से इस समस्या को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। अभी नगर निगम के पास शेल्टर होम छोडि़ए एक भी कुत्ता को रखने की व्यवस्था नहीं है।
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि 1997-98 के बाद से शहर में कुत्तों को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। 27 साल से शहर के लोग आवारा कुत्तों की समस्या से जूझ रहे हैं। 2024 में नगर निगम ने प्लाङ्क्षनग बनाई थी कि शहर के आवारा कुत्तों को पकडकऱ उनका बधियाकरण और वैक्सीनेशन करके वापस उसी जगह छोड़ दिया जाएगा। लेकिन यह प्रयास धरातल पर नहीं आए पाए।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानें तो सुधरे हालात

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार, एमसीडी, एनडीएमसी, एनसीआर में संबंधित ऑथोरिटी को निर्देश दिया कि वो शहर की सडक़ों और गलियों को आवारा कुत्तों से फ्री करें। सभी जगहों से आवारा कुत्तों को उठाया जाए और इन कुत्तों को डॉग शेल्टर होम में रखा जाए। 8 हफ्ते में 5000 शेल्टर तैयार के आदेश दिए हैं। आदेश नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में भी लागू रहेगा। 1 हफ्ते में हेल्पलाइन शुरू कर शिकायत के 4 घंटे में कार्रवाई की जाए। पकड़े गए कुत्तों को दोबारा सडक़ पर नहीं छोड़ा जाएगा।

3 बार हुए टेंडर में भी नहीं मिली कोई फर्म

पिछले 8 माह से नगर निगम आवारा कुत्तों के बधियाकरण के लिए 3 बार टेंडर निकाल चुका है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट व पशु अधिनियम की गाइडलाइन की शर्तों के कारण कोई भी फर्म इन शर्तों को पूरा करती सामने नहीं आई। एक-दो फर्म सामने आईं तो उस पर भी आपत्ति लग गई।

शिकायतों को कर्मचारी नजरअंदाज कर रहे हैं

शहर के प्रत्येक वार्ड में 150-200 आवारा कुत्ता घूम रहे हैं। रोज प्रत्येक पार्षद और नगर निगम में ङ्क्षहसक कुत्तों की शिकायतें आ रहीं हैं। लेकिन नगर निगम अमला या तो शिकायतों को नजर अंदाज कर देता है या फिर कुत्तों को खदेड़ देता है लेकिन कुत्ता फिर वहीं आ जाते हैं। शहर के सरकारी अस्पताल में हर दिन 10-12 नए केस जिला अस्पताल पहुंचते हैं। मकरोनिया में रेबीज से 23 साल के युवक की मौत के बाद भी नगर पालिका कोई एक्शन नहीं ले रही।

कैंसर से भी घातक है कुत्तों का काटना

बीएमसी के प्रोफेसर डॉ. सर्वेश जैन ने कहा कि कुत्तों का काटना कोई आम बीमारी या समस्या नहीं है। एक बार रेबीज हो जाने पर मरीज की जान जाना निश्चित है। रेबीज से बचने का उपाय सिर्फ एक है कि कुत्ते के काटने के 24 घंटे के अंदर रेबीज का इंजेक्शन ले लिया जाए ताकि 7 दिन के अंदर आपका शरीर रेबीज से लडऩे की प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित कर सके। कुत्ता के काटने से ही नहीं बल्कि उसके चाटने पर भी रेबीज हो सकता है।

जिले में एक साल में रेबीज की खपत

80 हजार रेबीज डोज जिलेभर की औसत खपत।
15 हजार लोगों को हर साल काट रहे कुत्ता।
08 हजार ग्रामीण लोगों को दिया जाता है रेबीज डोज।
02 हजार से ज्यादा रेबीज इंजेक्शन निजी अस्पतालों में लगते हैं।
दिल्ली एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं। यदि यह आदेश देश भर में लागू होता है तो सागर में भी शेल्टर होम बनाया जाएगा। अभी हमने वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कुत्तों को लेकर टेंडर निकाले हैं, अगले माह तक संबंधित फर्म काम शुरू कर देगी।
संगीता तिवारी, महापौर नगर निगम

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