कैसे अंजाम दी गई वारदात?
नाथद्वारा के सुखाड़िया नगर की रहने वाली बिंदिया मीणा ने 2 अगस्त को सीजेरियन डिलीवरी से एक बच्चे को जन्म दिया था। सोमवार दोपहर करीब ढाई बजे दो महिलाएं अस्पताल के जनाना वार्ड में दाखिल हुईं। इनमें से एक ने नर्स के कपड़े (सफेद सलवार-सूट और एप्रन) पहन रखे थे और मास्क लगाया हुआ था। दूसरी महिला ने गुलाबी ओढ़नी ओढ़ रखी थी। नर्स के वेश में आई महिला ने खुद को अस्पताल स्टाफ बताते हुए प्रसूता बिंदिया की ननद चंदा से बात की और बच्चे की जांच के बहाने उसे ऊपर वार्ड में ले जाने को कहा। चंदा ने बच्चा लेकर महिला के साथ जाना स्वीकार किया। कुछ ही दूरी पर महिला ने चंदा को आधार कार्ड लाने को कहा और बच्चा गोद में ले लिया। चंदा नीचे उतरी, जहां रास्ते में उसे मां सुगना मिलीं और दोनों कार्ड लेकर लौटे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी-महिला और बच्चा दोनों गायब थे। सीसीटीवी में सामने आई असली कहानी
- अस्पताल के अंदर और बाहर लगे कैमरों से कई फुटेज मिले हैं, जो इस सनसनीखेज वारदात को क्रमवार तरीके से उजागर करते हैं। वीडियो में देखा गया कि नकली नर्स जैसे कपड़ों में महिला एक अन्य करीब दो साल के बच्चे के साथ थी।
- उसने अस्पताल के बीच के एक पिछले गेट से बाहर निकलने से पहले चुराया गया नवजात एक दूसरी महिला के हवाले कर दिया।
- फिर दोनों महिलाएं – एक के हाथों में दो साल का बच्चा और दूसरी के हाथों में नवजात – सीढ़ियों से नीचे उतरते हुए तेजी से निकलती नजर आती हैं।
- न उन्होंने मुख्य द्वार से निकलने की कोशिश की और न ही जनाना अस्पताल के मुख्य गेट का इस्तेमाल किया-इससे ये स्पष्ट हो गया कि उन्हें अस्पताल का नक्शा भलीभांति पता था।
एक नहीं, तीन महिलाएं हो सकती हैं शामिल
पुलिस को शक है कि इस बच्चा चोरी के षड्यंत्र में तीसरी महिला की भी भूमिका हो सकती है, जो मौके पर नजर नहीं आई लेकिन वारदात की योजना का हिस्सा रही हो सकती है। जिस तरह वार्ड में दाखिल होने से लेकर चंदा को आधार कार्ड लाने भेजने और अस्पताल के पिछले रास्ते से निकलने तक का पूरा घटनाक्रम सामने आया है, वो पूरी तैयारी और तालमेल को दर्शाता है।
पुलिस की मुस्तैदी: हर कोना खंगाला जा रहा
- श्रीनाथजी मंदिर थाना व नाथद्वारा थाना पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची और तत्काल कार्रवाई शुरू की।
- शहर भर के सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं।
- राजसमंद जिले की सीमाओं पर सख्त नाकाबंदी कर दी गई है।
- हाइवे और आसपास के कस्बों में भी चौकसी बढ़ा दी गई है।
- स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है और संदिग्धों की पहचान के प्रयास जारी हैं।
पुलिस का बयान
“हमने कई टीमें बनाई हैं जो बच्चा चोरी की इस घटना की हर एंगल से जांच कर रही हैं। अस्पताल के बाहर और शहर के अन्य हिस्सों के कैमरे भी खंगाले जा रहे हैं। सीमाओं पर नाकाबंदी कर दी गई है। जल्दी ही बच्चा बरामद कर लिया जाएगा और दोषियों को पकड़ लिया जाएगा।”
मोहनसिंह, सीआई, श्रीनाथजी मंदिर थाना
क्या यह किसी बड़े रैकेट का हिस्सा है?
इस तरह की घटनाएं पहले भी देश के अलग-अलग हिस्सों में सामने आती रही हैं, जहां नवजात शिशुओं को अस्पतालों से चुराकर उन्हें बेचने या अवैध गोद लेने के नेटवर्क में शामिल कर लिया जाता है। नाथद्वारा की यह घटना भी वैसी ही एक कड़ी हो सकती है। इस घटना की विशेष बात यह रही कि आरोपित महिला ने भरोसा जीतने के लिए नर्स का रूप अपनाया और अस्पताल के कर्मचारियों और परिजनों दोनों को भ्रमित किया।
जनसुरक्षा और अस्पतालों में चौकसी पर बड़ा सवाल
इस वारदात ने यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या हमारे सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा के पर्याप्त उपाय हैं? कोई भी बाहरी व्यक्ति कैसे यूं ही अस्पताल के अंदर स्टाफ की तरह घूम सकता है? जनाना वार्ड जैसी संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा गार्ड क्यों नहीं थे? प्रवेश और निकास द्वारों पर कोई चेकिंग क्यों नहीं की गई?
अलर्ट: जनसामान्य से अपील
राजसमंद पुलिस ने आमजन से अपील की है कि यदि किसी को ऐसी दो महिलाएं नजर आएं जिनके साथ एक नवजात हो और जिनका व्यवहार असामान्य लगे, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।