एक साल पहलीे प्रस्ताव भेजा, बजट नहीं मिला
सबसे हैरानी की बात यह है कि खंड शिक्षा कार्यालय कुंभलगढ़ ने पूरे स्कूल की बिल्डिंग को तोड़कर नया भवन बनाने का प्रस्ताव करीब एक साल पहले ही भेज दिया था। लेकिन तब से आज तक न बजट पास हुआ, न फाइल आगे बढ़ी। जिसके चलते जर्जर भवन वीरान खड़ा है और बच्चे मंदिर परिसर में बैठकर पढ़ाई करने पर विवश हैं।
12 स्कूल खतरे में, जिमेदार बेफिक्र
पिछोरा की भागल अकेला नहीं है। कुंभलगढ़ ब्लॉक के कुल 12 सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जो जर्जर हालत में हैं और कभी भी जानलेवा साबित हो सकते हैं। ब्लॉक कार्यालय कुंभलगढ़ के अनुसार, इन सभी स्कूलों के मरमत या पुनर्निर्माण के प्रस्ताव उपखंड कार्यालय और समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय राजसमंद को भेज दिए गए हैं, लेकिन नतीजा शून्य।सबको दी जानकारी, फिर भी चुप्पी!
छत की जर्जर हालत की शिकायत गांव वालों ने हर जिमेदार तक पहुंचाई। अभिभावक रमेश जांगिड़ तो पिछले तीन साल से लगातार चक्कर काट रहे हैं। कभी प्रधानाध्यापक को ज्ञापन, कभी पीईईओ को, कभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को लेकिन नतीजा सिफर। हालात इतने बदतर हैं कि स्कूल के क्लासरूम में न तो बच्चे चैन से पढ़ सकते हैं, न शिक्षक ठीक से पढ़ा सकते हैं। टपकती छत से रिसता पानी कभी भी दीवार गिरा सकता है, लेकिन अफसरशाही को कोई फर्क नहीं पड़ता।इन स्कूलों के हालात भी बदतर
राप्रावि लालेरा री भागल, गढ़बोर: 2 कमरे जर्जरराउप्रावि भोपजी की भागल, गढ़बोर: 2 कमरे जर्जर
रा प्रावि पिछोरा की भागल, कालिंजर: पूरी बिल्डिंग खतरनाक
रा उप्रावि मादरेचो का गुड़ा, कालिंजर: 2 कमरे जर्जर
रा उप्रावि नीमड़ी, जनावद: 2 कमरे जर्जर
राउमावि कुंचौली: 3 कमरे जर्जर
रा प्रा वि चौहानो का गुड़ा, बड़गांव: 2 कमरे जर्जर
राबाउमावि देवी का वास, समीचा: 3 कमरे जर्जर
राप्रावि झेलो का भीलवाड़ा, बनोकड़ा: 2 कमरे जर्जर
राउमावि धोरण मोरचा: 2 कमरे जर्जर
रा प्रा वि घरादर की भागल, कणूजा: 2 कमरे जर्जर
रा प्रावि कोदार ओड़ा: 1 कमरा जर्जर