दरअसल कुछ छात्राएं
स्कूल जाने से मना करने लगी थीं। यह बात पालकों की खटकी, तब इस मामले का खुलासा हुआ। सहायक शिक्षक डीसम तिवारी पर मामला दबाने का आरोप लगा है। एचएम की हरकतों की जानकार होने के बाद भी विभाग तक सूचना नहीं दी गई। इसके चलते निलंबित कर दिया गया है।
मोहबा गांव के माता-पिता व स्थानीय समाजजन इस घटना को लेकर बेहद चिंतित व आहत हैं। कई अभिभावकों ने कहा कि वे अब अपने बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर डर महसूस कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग व प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। एक आक्रोशित अभिभावक ने कहा कि हम अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल व प्रशासन से जवाब चाहते हैं।
पॉक्सो एक्ट का मामला दर्ज हुआ
पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारी अरुण नामदेव ने बताया कि हम मामले की सती से जांच कर रहे हैं और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे। पुलिस ने पीड़ित छात्राओं व उनके परिवार से भी सहयोग मांगा है ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके। मामले की जांच होगी। सभी पक्षों का बयान लिया जाएगा। मामले की जांच के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से आरोपी प्रधानपाठक नेतराम वर्मा व सहायक शिक्षक डीसम तिवारी को निलंबित कर दिया है। डीईओ ने कहा कि ऽहम बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं और ऐसे किसी भी शिक्षक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा जो बच्चों के साथ अनुचित व्यवहार करता है। इसके साथ ही जिला शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में सुरक्षा व निगरानी व्यवस्था को कड़ा करने के निर्देश दिए हैं।