ग्रामीण इलाकों में डायरिया का खतरा ज्यादा बढ़ा हुआ है। इसका समय पर इलाज न होने पर यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। हाल ही में अंबागढ़ चौकी क्षेत्र की एक युवती की डायरिया से मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई थी। वहीं खैरागढ़ में भी एक महिला और एक पुरुष की डायरिया की चपेट में आने से जान जा चुकी है।
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी पीड़ित
पेंड्री स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल और बसंतपुर जिला अस्पताल में रोजाना वायरल फीवर और डायरिया के मरीज भर्ती हो रहे हैं। जिला अस्पताल में आधा दर्जन तो मेडिकल कॉलेज में 10 से अधिक मरीज डायरिया से पीड़ित होकर भर्ती हैं। वहीं सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ एक लिपिक भी डायरिया की चपेट में आकर जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं।
पानी को उबालकर ही इस्तेमाल करें
डॉक्टरों ने अपील की है कि लोग बाहर का अस्वच्छ भोजन न करें, उबला पानी पिएं, स्वच्छता पर ध्यान दें और बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच व उपचार कराएं। हाल ही में रेंगाकठेरा गांव में भी डायरिया फैलने से कई लोग बीमार हुए थे। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉक्टर प्रकाश खुंटे का कहना है कि इस मौसम में शरीर का मेटाबॉलिज्म कमजोर हो जाता है। इसलिए गरिष्ठ भोजन की जगह सुपाच्य भोजन करना चाहिए, गर्म पानी का सेवन जरूरी है। नियमित व्यायाम और योग भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। वैसे वायरल फीवर से पीड़ित मरीज चार से पांच दिनों में स्वस्थ्य होकर घर लौट रहे हैं। चिंता की कोई बात नहीं है।