Ropeway accident: समिति 7 दिन में प्रस्तुत करेगी रिपोर्ट
इधर मामले में एफआईआर भी कराई गई है। वहीं कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने तकनीकी पहलुओं पर जांच के लिए जिला स्तरीय समिति गठित की है। समिति सात दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। समिति में कार्यपालन अभियंता राज्य विद्युत मंडल संभाग डोंगरगढ़ एनके साहू, कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग विद्युत, यांत्रिकी संभाग दुर्ग आरएल गायकवाड़, प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग विद्युत व यांत्रिकी संभाग दुर्ग पंचराम ठाकुर शामिल है। समिति को सात दिवस के भीतर घटना स्थल का निरीक्षण करते हुए रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने कहा है। साहू ने बताया कि पूरे लाइन की जांच कराई गई पर कहीं भी कोई फॉल्ट सामने नहीं आया। बताया कि रोप-वे संचालन (
Dongargarh Ropeway Accident) के लिए संस्था की ओर से ही ट्रांसफॉर्मर लगाया गया है। यह उच्चदाब श्रेणी का है। इसका मेंटेनेंस संस्था को खुद करना है। बिजली कंपनी के दतर की बिजली सप्लाई लाइन भी मंदिर फीडर में है पर इस फीडर में कोई दिक्कत आई नहीं है। बिजली फाल्ट आता तो रोप-वे के दूसरे ट्रॉली में भी असर होता।
बताई थी लो वोल्टेज की समस्या
इधर घटना के दूसरे दिन बिजली कंपनी के अफसरों ने सप्लाई फीडर की जांच की तो पता चला कि हादसे के वक्त कोई ट्रिपिंग नहीं हुई थी। बिजली कंपनी के डीई एनके साहू का कहना है कि रोप-वे संचालन करने वालों ने लो वोल्टेज की जो समस्या बताई है, वह आपत्तिजनक है। दामोदार रोप-वे इन्फ्रा के अधिकारियों का कहना है तकनीकी दिक्कतों से मंदिर टस्ट्र को अवगत कराया गया था। सिस्टम में बदलाव के विषय पर चर्चा की गई।
एसडीओपी ने मौके का मुआयना किया
मामले में एफआईआर होने के बाद डोंगरगढ़ एसडीओपी आशीष कुंजाम ने मौका मुआयना किया। मौके से सीसीटीवी फुटेज लिए गए। प्रत्यक्षदर्शियों का बयान लिया गया है। घटना कैसे हुई? इसकी पड़ताल कर रहे हैं। एसडीओपी ने बताया कि जिला स्तरीय कमेटी व तकनीकी रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण में कार्रवाई तय होगी।
फिलहाल संचालन बंद, दर्शनार्थी परेशान
इस हादसे के बाद रोप-वे का संचालन फिलहाल के लिए बंद कर दिया गया है। आगामी आदेश तक संचालन नहीं होगा। ठेका फर्म की ओर से कंपनी के इंजीनियरों को जांच के लिए बुलाया गया है। इधर प्रशासन को भी जांच रिपोर्ट का इंतजार है। इसके बाद ही संचालन शुरू होगा। रोप-वे बंद होने से दर्शनार्थी परेशान हो रहे हैं। विशेषकर बुजुर्गों को उपर मंदिर जाने में दिक्कत होगी।