इन नौकरियों में भी गांव के लोग
-25 डॉक्टर -15 इंजीनियर -03 आइआइटी रक्षा मंत्रालय में -01 सांख्यिकी अधिकारी -01 विकास विस्तार अधिकारी -02 प्रोफेसर -45 शिक्षक -25 पुलिस -01 टीआइ -01 एएसआइ -04 फारेस्ट गार्ड, एएसआइ -06 बैंक मैनेजर -01 मंडी एएसआइ -04 पटवारी -02 लाइनमैन -02 छात्रावास अधीक्षक
सर्जन से लेकर रेडियोलॉजिस्ट तक यहां के बच्चे
कड़िया सांसी, गुलखेड़ी और हुलखेड़ी गांवों विशेषज्ञ डॉक्टरों की लंबी श्रृंखला है। यहां काम करने वाले 25 डॉक्टरों में एमडी रेडियोलॉजिस्ट डॉ. चेतन सिसौदिया, नेत्र रोग में डॉ. प्रिया और डॉ. दिलीप सिसौदिया हैं। सरकारी अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर डॉ. विशाल सिसौदिया भी काम कर रहे हैं। अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी बच्चे पढ़ रहे हैं।
गांव की पीढ़ी का पूरा फोकस सिर्फ पढ़ाई पर
गांव की नई पीढ़ी का फोकस पढ़ाई पर है। वे समझ गए कि गलत रास्ते पर सफलता नहीं मिलेगी। वे पढ़ाई की ओर मुडे़। हमारे यहां से मेडिकल क्षेत्र में हर साल बच्चे परीक्षा देते हैं। 25 डॉक्टर्स हैं, कुछ इंटर्नशिप तो कुछ काम कर रहे हैं।
ऐसे बदले हालात
–● तीनों गांव अपराध के लिए जाने जाते रहे हैं। –● देश के बड़े शहरों की वीआइपी शादियों में बराती-मेहमान बनकर बच्चे जाते, जेवर लूटते थे। –● यहां ऐसे मामलों में जांच को राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना व अन्य राज्यों की पुलिस आ चुकी है। –● कुछ समय पहले अपराध में शामिल लोगाें ने राजगढ़ पुलिस के सामने सरेंडर किया। अपराध न करने का संकल्प लिया। सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी उनके प्रयासों की सराहना की है।
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