कब तक सप्लाई शुरू होगी ?
दरअसल कुंडलिया डैम पेयजल योजना में खूब अनियमितताएं और लापरवाही हुई है। यही कारण है कि सात साल बाद भी गांवों में पेयजल नहीं पहुंच पाया है। अब भी कब तक सप्लाई शुरू होगी? इसकी कोई गारंटी नहीं है। जिसके कारण अब भी गांवों में लोगों को पेयजल संकट से जुझना पड़ रहा है। वर्ष-2018 में शुरू हुआ योजना का काम सात साल बाद भी अधूरा है। जिमेदारों की अनदेखी के चलते कंपनी के ठेकेदार ने मनमाना काम किया। यही कारण है कि इतनी लेटलतीफी हो रही है। अब भी कई गांवों में तो पानी की टंकियां ही नहीं बन पाई है। कई जगह पाइप लाइनें अधूरी पड़ी है। जहां लाइनें बिछा दी वहां घटिया काम होने से बार-बार लीकेज हो रही है। ऐसे में इसी साल जून तक सप्लाई शुरू करने के जिमेदारों के दांवे खोखले नजर आ रहे है। ऐसे में ग्रामीणों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
535 करोड़ की योजना में जमकर लापरवाही
नल-जल योजना के तहत करीब 535 करोड़ की लागत से कुंडालिया डैम से सारंगपुर ब्लॉक के 190 गांवों में पेयजल पहुंचाना था। जिसके तहत वर्ष-2018 में काम शुरू हुआ। सात साल बाद भी योजना का काम अधर में है। साथ ही घटिया काम के चलते लाइनें डैमेज पड़ी है। सारंगपुर में मैन लाइन में ही बार-बार लीकेज की समस्या हो रही है। वही गांवों में नल कनेक्शन अधूरे है। ऐसे में भले ही जिमेदार जून तक सप्लाई शुरू करने के दांवे कर रहे है, लेकिन सभी गांवों इस साल भी पानी पहुंचे इसकी उम्मीद कम ही है।
लाइन बिछाने खोदी सड़कें
झिरी, सेमली लोढा, निपानिया बिका आदि गांवों में टंकियां ही नहीं बनी है। साथ ही संडावता और आसपास के गांवों में एलएनटी कंपनी ने नल कनेक्शन के लिए सड़कें खोदी गई है। ये भी पढ़ें: ‘कश्मीर घाटी’ से मोह भंग, 40% तक बढ़ी इन 2 जगहों की बुकिंग निजी टैंकरों से पानी सप्लाई
संडावता में मार्च से ही निजी टैंकरों से पानी खरीदना पड़ रहा है। करीब 20 रुपए में दो सौ लीटर पानी मिल रहा है। पानी के लिए परेशान होने व आर्थिक बोझ भी झेलना पड़ रहा है।
सारंगपुर क्षेत्र में पेयजल योजना का काम जारी है। हर दिन गांवों में टेस्टिंग आदि का काम किया जा रहा है। जून तक सप्लाई शुरू करने के प्रयास है। कुछ जगह स्थानीय लोग लाइन डैमेज कर देते है। इससे समस्या हो रही है। टंकियां जहां अधूरी है, काम चल रहा है, जल्द पूरा कराएंगे।- एसके जैन, जीएम, जल निगम, राजगढ़