एक ही क्लासरूम में दो कक्षाएं संचालित होने पर छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए कई समस्याएं होती हैं। इससे छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि दो अलग अलग कक्षाओं को पढ़ाने के दौरान शिक्षक का ध्यान विभाजित हो जाता है और छात्रों के लिए ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। इससे छात्रों के लिए सीखना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के दावे कागजों में ही नजर आ रहे हैं।
बारिश होती है तो पानी टपकता, रखनी पड़ती है बाल्टी: स्कूल को डिस्मेंटल करने के लिए एक साल पहले ही आदेेश जारी किया गया था, लेकिन अभी तक स्कूल को डिस्मेंटल नहीं किया गया है। स्थिति ऐसी है कि स्कूल की छत लोहे की चादर से बनी है। जहां गर्मी के दौरान कक्षा में बैठने पर हर किसी के लिए बहुत तकलीफदेह होता है। वहीं लोहे की चादर भी टूट गई है इस कारण जब भी बारिश होती है पानी टपकने लगता है जिससे बचने के लिए बाल्टियां रखनी पड़ती हैं। वहीं दीवार ही हालत खराब है साथ ही फर्श खराब हालत में है और दरारों को रेत से भरा गया है।
अभी दो शिफ्ट में कक्षाएं संचालित: गंगानगर स्थित प्राइमरी स्कूल में पांच कक्षाएं लगती हैं, लेकिन यहां ग्राउंड में दो कक्षा जिसमें एक में ऑफिस है और पहले फ्लोर में दो क्लास रूम हैं। यहां के जर्जर भवन को कुछ माह पहले ही तोड़ा गया है। जिसके कारण अभी दो शिफ्ट में कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। सुबह पहली, दूसरी और तीसरी कक्षाएं लगती हैं और दूसरे शिफ्ट में चौथी और पांचवीं की क्लास लगती है।
लेटलतीफी की भेंट चढ़ा अतिरिक्त कक्ष
स्कूल परिसर के अंदर अभी एक और भवन का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जानकारों ने बताया कि इसे कई साल से बनाया जा रहा है, लेकिन बीच में ठेकेदार ने पैसे न होने के कारण काम बंद कर दिया था। काम फिर से शुरू हुआ है। अभी भवन बनकर तैयार होने की स्थिति में है, लेकिन अभी भी उसे पूरा होने में काफी समय लगेगा। कुछ शिक्षकों ने बताया कि भवन बन जाने के बाद स्कूल उसी में शिफ्ट किया जाएगा और फिर पुराने भवन को डिस्मेंटल किया जाएगा।