बता दें कि इससे पहले कैबिनेट की बैठक 30 जुलाई को हुई थीं। बता दें कि
मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा साय सरकार के गठन के साथ ही लगातार होती रही है। मुख्यमंत्री जब भी दिल्ली के दौरे पर जाते रहे हैं तो संभावित सदस्यों की सक्रियता तेज हो जाती थी। इस बार भी सक्रियता तेज हो गई है। लेकिन मंत्री बनने वालों के नामों लेकर ऊहापोह की स्थिति है।
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर ऐसी चर्चा
- मंत्रिमंडल का विस्तार 18 को शाम 4.30 बजे हो सकता है। हरियाणा फार्मूले के आधार पर तीन मंत्री बनाए जा सकते हैं।
- मंत्रिमंडल का विस्तार 19 अगस्त को सुबह 10 बजे हो सकता है। इसके बाद कैबिनेट बैठक में विभागों का बंटवारा भी हो जाएगा।
- नए मंत्रियों के नामों की सहमति नहीं बन पा रही है। संभावित विस्तार सीएम के विदेश दौरे से आने के बाद होगा।
- मंत्रिमंडल के विस्तार में जातिगत समीकरण पर फोकस किया जा रहा है। चर्चाओं के मुताबिक क्षेत्रीय समीकरण कमजोर हो रहा है।
- मंत्रिमंडल के विस्तार में चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं। एक अनुभवी विधायक की मंत्रिमंडल में जगह तय है।
- राजभवन में 15 अगस्त को कार्यक्रम हुआ था। इसका पंडाल अभी तक नहीं हटा है। ऐसे में कभी भी मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।
संगठन के नेताओं ने साधी चुप्पी
मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चाओं के बीच नए मंत्रियों के नामों को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। राजनीतिक गलियारों में तीन से पांच नाम तैर रहे हैं, लेकिन संगठन से जुड़े नेता किसी भी नाम पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। क्षेत्रीय समीकरण को देखे तो अभी दुर्ग और रायपुर जिले से किसी को मंत्री का पद नहीं मिला है।
वहीं कांग्रेस के समय मंत्रिमंडल के विस्तार में दुर्ग जिले का वर्चस्व था। जबकि वर्तमान में सरगुजा संभाग से मुख्यमंत्री और तीन मंत्री है। रमन सरकार के समय बस्तर संभाग से दो मंत्री थे। इसके बाद केवल एक मंत्री है। बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनाने के बाद मंत्री का एक पद सामान्य वर्ग के किसी नेता को मिलना लगभग तय है।