हालांकि अब मंत्रालय और विभागों में ई-ऑफिस का काम शुरू हो गया है। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने फैसला लिया है कि तबादला, पदस्थापना और पदोन्नति के बाद संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के दस्तावेज 10 दिन के बाद ई-ऑफिस में अपलोड करने होंगे। इससे शासन का आदेश नहीं मानने वाले अफसरों और कर्मचारियों की पहचान करने में भी आसानी होगी।
इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के सभी विभागों, राजस्व मंडल के अध्यक्षों, सभी विभागाध्यक्षों और प्रदेश के सभी कलेक्टरों के लिए एक गाइडलाइन जारी की है। इसमें कहा गया है कि शासकीय सेवकों के स्थानांतरण, पदोन्नति और पदस्थापना के संबंध में ई-ऑफिस में अपडेट करना जरूरी है। यह अपडेट 10 दिन में करना होगा। इसमें शासकीय कर्मचारियों के भारमुक्त करने की जानकारी भी अपडेट की जाएगी। इसके साथ ही इसकी सूचना सामान्य प्रशासन विभाग को ई-ऑफिस के माध्यम से दी जाएगी।
अभी तबादला नीति का इंतजार
राज्य सरकार लगभग हर साल
तबादला नीति जारी करती है। इस बार भी प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों को तबादला नीति जारी होने का इंतजार है। इस बार यदि समय पर तबादला नीति जारी होती है, तो ई-ऑफिस में अपडेट करने का काम बढ़ जाएगा। इससे सबसे ज्यादा परेशानी शिक्षा विभाग, पंचायत और स्वास्थ्य विभाग को होगी। दरअसल, इन विभागों में कर्मचारियों की संख्या अधिक है। इस वजह से इन्हीं विभागों में सबसे ज्यादा अधिकारी और कर्मचारियों के तबादले होते हैं।
कोर्ट में जाने से बढ़ती है परेशानी
राज्य सरकार अपनी और कर्मचारी दोनों की सुविधा के मुताबिक नियमानुसार तबादला करती है। फिर भी कई अधिकारी और कर्मचारी तबादलों से संतुष्ट नहीं होते हैं। इस वजह से वे कोर्ट में याचिका दायर कर देते हैं। इस वजह से भी शासन की परेशानियां बढ़ जाती हैं।