आरोपियों ने बुजुर्ग पीड़िता को दिल्ली पुलिस और साइबर विंग के अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट करने का झांसा दिया था। मामले का खुलासा करते हुए
एसएसपी डॉक्टर लाल उमेद सिंह ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर विधानसभा थाने में एफआईआर दर्ज किया गया था।
आरोपियों की तलाश में रेंज साइबर थाना और क्राइम ब्रांच की टीम लगी थी। इस दौरान तकनीकी जांच से उत्तरप्रदेश में कुछ संदिग्धों का पता चला। इसके बाद पुलिस की टीम ने देवरिया, लखनऊ और गोरखपुर में छापा मारकर आकाश साहू, शेर बहादुर सिंह उर्फ मोनू, अनूप मिश्रा, नवीन मिश्रा और आनंद कुमार सिंह को गिरफ्तार किया गया है। एक अन्य आरोपी प्रदीप सिंह देवरिया के जेल में बंद हैं। इनके अलावा गिरोह में अन्य आरोपी भी शामिल हैं। उनकी तलाश की जा रही है।
आरोपियों ने सुनियोजित ढंग से पीड़िता को दिल्ली पुलिस और दिल्ली साइबर विंग के अधिकारी बनकर कॉल किया था। उनके आधार नंबर से कई बैंक खाते खुलने और उनमें करोड़ों रुपए जमा होने की जानकारी दी। इसके बाद उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज होने पर डिजिटल अरेस्ट करना बताया। इससे बचने के लिए उनसे 21 मई से 10 जुलाई 2025 के बीच 2 करोड़ 83 लाख से अधिक राशि 40 फर्जी कंपनियों के खातों में जमा कराया था।