इस समझौते के माध्यम से रुनाया रीच स्कॉलरशिप प्रोग्राम को एक्टिव किया जाएगा, जो खासतौर पर इंजीनियरिंग और
टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर रहीं छात्राओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह साझेदारी न केवल महिला इंजीनियरों को सशक्त बनाएगी, बल्कि महिला नेतृत्व और तकनीकी तालमेल की दिशा में मिसाल बन सकती है।
सकारात्मक बदलाव की शुरुआत मनोज कुमार चोपकर, डीन छात्र कल्याण ने इसे एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत बताते हुए कहा कि यह पहल छात्राओं को तकनीकी दुनिया में आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धा के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। रुनाया रीसाइक्लिंग बिजनेस के सीईओ जगन्नाथ प्रसाद राउत्रे ने कहा, हम मानते हैं कि जब महिला छात्रों को समान अवसर मिलते हैं तो वे समाज में सार्थक बदलाव की कड़ी बनती हैं।
यह सहयोग हमारी उसी सोच को आगे ले जाता है। एमओयू पर एनआईटी रायपुर के निदेशक प्रो. एनवी रमना राव और रुनाया के सीएफओ राजेन्द्र नवांधर ने हस्ताक्षर किए। रुनाया की एचआर और सीएसआर प्रमुख अमिता कर, एनआईटी के डीन, फैकल्टी सदस्य इस करार को शिक्षा और उद्योग के बीच सेतु की तरह देख रहे हैं, जो भविष्य में छात्राओं को कोर सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने का अवसर देगा।