दोनों आरोपियों के खिलाफ पुरानीबस्ती और तेलीबांधा थाने में ब्लैकमेलिंग, अवैध वसूली, धमकी आदि के आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। इन मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने दोनों को कोर्ट में 18 अगस्त तक हाजिर होने कहा था। सोमवार को आखिरी दिन है। अगर दोनों अपनी गिरफ्तारी नहीं देंगे, तो संपत्ति कुर्की की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
भाठागांव और भनपुरी में है संपत्ति
पुलिस ने अभी आरोपी वीरेंद्र और रोहित की 4 संपत्तियों की कुर्की के लिए कलेक्टर को लिखा है। इसमें भाठागांव की दो और भनपुरी की संपत्ति शामिल हैं। दोनों भाई करीब दो माह से फरार हैं। पुलिस दोनों को पकड़ नहीं पाई है। पिछले दिनों नगर निगम की टीम ने उनके अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया था। इसके अलावा आरोपियों के बैंक खाते भी सीज कर दिए गए हैं।
सूदखोरी और वसूली से बनाई संपत्ति
दोनों हिस्ट्रीशीटरों का सूदखोरी का बड़ा कारोबार है। शुुरुआत में सामान्य ब्याज में पैसा देते हैं। इसके बाद अधिक ब्याज की वसूली करते हैं। ब्याज नहीं देने पर संपत्ति पर कब्जा कर लेते हैं। कई लोगों की जमीन, कार इसी तरह हड़प ली है।
लैपटॉप में हैं वसूली के राज
क्राइम ब्रांच ने जब आरोपियों के घर छापा मारा था, तब कैश और हथियार के साथ ही उनका लैपटॉप भी जब्त किया गया था। बताया जाता है कि इसमें कई गोपनीय दस्तावेज हैं। कुछ वीडियो भी है, जिसके जरिए कुछ लोगों को ब्लैकमेल भी कर चुका है। हालांकि पुलिस ने अभी तक लैपटॉप को लेकर खुलासा नहीं किया है।
रिश्तेदारों की वसूली जारी
एक ओर दोनों मुख्य आरोपी फरार हैं और तो दूसरी ओर उनके रिश्तेदारों की वसूली अभी जारी है। कर्जा वसूलने के लिए उसके रिश्तेदार अभी कर्जदारों के घर दस्तक दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक वीरेंद्र की पत्नी कुछ लोगों से अभी भी वसूली कर रही है। अब तक जिलाबदर नहीं
हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और रोहित लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हैं। अलग-अलग थानों में 20 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, हत्या की कोशिश,
दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग, मारपीट, अपहरण, वसूली, धमकी आदि के मामले शामिल हैं। चौंकाने वाली बात है कि इसके बावजूद अब तक एक बार भी दोनों भाइयों का जिलाबदर या अन्य सख्त कार्रवाई नहीं हुई है। सूत्रों के मुताबिक, जिला प्रशासन और पुलिस के कुछ अधिकारियों की सांठगांठ के चलते दोनों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई आज तक नहीं हुई है।