तबादलों की नई नीति पहले जारी स्थानांतरण नीतियों को अधिक्रमित करती है। हालांकि, यह नीति कुछ विभागों और संस्थाओं पर लागू नहीं होगी। इनमें गृह, पुलिस, आबकारी, खनिज साधन, परिवहन, वाणिज्यकर, पंजीयन और स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकीय पद शामिल हैं।
निगम, मंडल, आयोग और स्वायत्त संस्थाएं भी इसके दायरे से बाहर हैं। जिला स्तर पर तृतीय श्रेणी गैर कार्यपालिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने तबादले के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया है। कलेक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित कर्मचारी का स्थानांतरण जिला संवर्ग के अंदर हो। कलेक्टर के पास संबंधित विभाग का तबादला प्रस्ताव पहुंचेगा। इसकी जांच के बाद प्रभारी मंत्री की अनुमति से आदेश जारी होंगे।
कर्मचारियों का संयुक्त आवेदन जरूरी
तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के मामले में उनके कुल संवर्ग की अधिकतम 10 प्रतिशत संख्या और चतुर्थ श्रेणी में 15 प्रतिशत तक ही तबादले किए जा सकेंगे। अगर कर्मचारी आपसी सहमति से खुद के खर्च पर ट्रांसफर चाहते हैं, तो उन्हें सामान्य कोटे से बाहर माना जाएगा। इसके लिए दोनों कर्मचारियों का संयुक्त आवेदन जरूरी है। खुद के खर्च पर किया गया एकतरफा आवेदन परस्पर सहमति की श्रेणी में नहीं आएगा। वहीं, जिन कर्मचारियों की पोस्टिंग दो साल या उससे अधिक समय से एक ही जगह पर है, केवल उन्हीं के आवेदन पर परस्पर सहमति आधारित स्थानांतरण किया जाएगा।
शहरी और ग्रामीण इलाकों में संतुलन है जरूरी
शहरी और ग्रामीण इलाकों में रिक्तियों के असंतुलन को ध्यान में रखकर ही तबादले किए जाएंगे। किसी भी हालत में कम स्टाफ वाले इलाके से ज्यादा स्टाफ वाले इलाके में कर्मचारियों का ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। 1 जून तक किसी अधिकारी-कर्मचारी की पोस्टिंग को एक साल से कम हुआ है, तो उसका स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। जिला कैडर के कर्मचारी जिले के भीतर ही ट्रांसफर हो सकेंगे।
संभाग कैडर में संभाग के भीतर
तबादले होंगे। राज्य स्तर पर प्रथम-द्वितीय श्रेणी अफसरों में अधिकतम 15 प्रतिशत और तृतीय-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में अधिकतम 5 प्रतिशत तक ही ट्रांसफर हो सकेंगे। विभागीय सचिव यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी ट्रांसफर आदेशों की समीक्षा हो।
फर्स्ट और सेकंड क्लास अफसरों के भी तबादले
राज्य स्तर पर फर्स्ट और सेकंड क्लास अफसरों के तबादले भी 14 से 25 जून के बीच किए जाएंगे। आवेदन 13 जून तक संबंधित विभागों में देना होगा। राज्य स्तर पर तबादले विभागीय मंत्री की अनुमति से ही होंगे। 5 जुलाई को संबंधित विभागाध्यक्ष तबादला आदेशों के आधार पर कर्मचारियों को भारमुक्त करेंगे। अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी तबादले के बाद नई जगह पर काम नहीं संभालता, तो उसके खिलाफ सत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। विशेष प्रावधान के तहत, अगर अनुसूचित क्षेत्र से गैर अनुसूचित क्षेत्र में किसी का ट्रांसफर किया जाता है, तो उसी अनुपात में गैर अनुसूचित क्षेत्र से भी एक कर्मचारी को अनुसूचित क्षेत्र में भेजा जाएगा।