बताया जाता है कि नए विधानसभा में निर्माण कार्य अंतिम दौर में है। अब इसे सज्ज-सज्जा पर जोर दिया जा रहा है। इसमें 200 विधायकों की बैठक क्षमता होगी। इसके साथ ही 500 की बैठक क्षमता के साथ एक ऑडिटोरिय का भी निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए अलग-अलग श्रेणी के लोगों के लिए दीर्घा भी बनाई जाएगी। इसमें अध्यक्षीय दीर्घा, अधिकारी दीर्घा, अति विशिष्ट दीर्घा, सामान्य व्यक्ति दीर्घा और पत्रकार दीर्घा भी शामिल होगी। खास बात यह है कि नए विधानसभा का निर्माण आने वाली 100 साल की जरुरतों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।
निर्माण कार्य की लागत बढ़ी
नए विधानसभा की नींव 28 अगस्त 2020 को कांग्रेस शासन में रखी गई थी। इसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी वर्चुअली शामिल हुए थे। इस बीच कोरोना संक्रमण की वजह से निर्माण कार्य प्रभावित हुए था। इससे इसकी लागत भी बढ़ गई है। इसके निर्माण के लिए 273 करोड़ की मंजूरी मिली थी। अब 324 करोड़ के पुनरीक्षित प्राक्कलन को मंजूरी दी गई है। 24 मंत्रियों के हिसाब से बनेंगे कक्ष
प्रदेश में मुख्यमंत्री सहित कुल 13 मंत्री होते हैं। नए विधानसभा में भविष्य को ध्यान में रखते हुए 24 मंत्रियों के लिए कक्ष बनाए जा रहे हैं। मंत्रियों के चैंबर अलग ब्लॉक में होंगे। यहां एंट्री और एग्जिट के लिए अलग से गेट बनाए गए हैं। नए विधानसभा में पूर्व विधायकों के लिए भी अलग ब्लॉक में बैठने की व्यवस्था की जा रही है।
दिखेगी कला और संस्कृति की झलक
नए विधानसभा परिसर में
छत्तीसगढ़ के कला और संस्कृति की भी झलक दिखाई देगी। इसके लिए परिसर में छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक-संस्कृति को समर्पित संग्रहालय का निर्माण भी किया जाएगा, जो राज्य की सांस्कृतिक विविधता और धरोहर को प्रदर्शित करेगा। विधानसभा परिसर में फायर फाइटिंग सिस्टम, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, अत्याधुनिक ऑडियो-वीडियो प्रणाली, 300 किलोवॉट सोलर पैनल और 500 सीटर ऑडिटोरियम की स्थापना की जा रही है, जिससे यह परिसर पर्यावरणीय दृष्टि से भी आदर्श उदाहरण बने।