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रायपुर

सरकारी राशन में खुलेआम कालाबाजारी! PDS के दुकानदार पूछ रहे… चावल चाहिए या पैसे?

PDS Scam in CG: रायपुर में सरकारी राशन दुकानों के विक्रेता बांटने और खरीदने का खेल खेल रहे हैं। अभी कार्डधारकों को एक साथ तीन माह का राशन दिया जा रहा है।

रायपुरJun 24, 2025 / 10:21 am

Shradha Jaiswal

सरकारी राशन में खुलेआम कालाबाजारी! PDS(photo-patrik)

सरकारी राशन में खुलेआम कालाबाजारी! PDS(photo-patrik)

PDS Scam in CG: छत्तीसगढ़ के रायपुर में सरकारी राशन दुकानों के विक्रेता बांटने और खरीदने का खेल खेल रहे हैं। अभी कार्डधारकों को एक साथ तीन माह का राशन दिया जा रहा है। विक्रेता ही ग्राहकों से सरकारी राशन खरीद रहे हैं। उनके द्वारा कार्डधारकों से पहले ही ये पूछा जाता है कि चावल लेके जाओगे या पैसे चाहिए।
शहर में सरकारी राशन दुकानों के विक्रेता, कार्डधारकों से 20 से 22 रुपए प्रति किलो सरकारी राशन में दिए जाने वाला चावल खरीद रहे हैं। रामसागर पारा, पुरानी बस्ती, टिकरापारा, चंगोराभाठा जैसे सभी इलाकों की दुकानों में यही चल रहा है।
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PDS Scam in CG: 22 रु. किलो में कार्डधारकों से चावल खरीद रहे दुकान संचालक

मिली शिकायत के बाद जब पत्रिका टीम ने पड़ताल की तो पता चला कि सरकारी राशन दुकान संचालक खुलेआम कार्डधारकों से मोलभाव कर रहे हैं। इसके साथ ही चावल खराब होने के नाम पर और बाहर बेचने पर कार्डधारकों पर होने वाली कार्रवाई का डर दिखाकर खुद ही चावल खरीदकर बिचौलियों को बेच रहे हैं।
मंडी में 32 से 35 रुपए में कालाबाजारी: जानकारोें का कहना है कि कोई भी विक्रेता किसी कार्डधारक से चावल नहीं खरीद सकता है और न ही कार्डधारक किसी को अपना राशन बेच सकता है। उसे केवल खाने के लिए ही उपयोग करना होता है। अंत्योदय, नि:शक्तजन व बीपीएल श्रेणी के कार्डधारकों को नि:शुल्क में चावल दिया जाता है। जिसे दुकानदार 22 रुपए किलो तक में खरीदता है और इसी राशन की खुले बाजार या मंडी में 32 से 35 रुपए में कालाबाजारी की जाती है।

एक सप्ताह से कार्ड जमा, सुबह दे रहे टोकन

तीन माह का राशन एक साथ मिलने के कारण दुकानों में अभी काफी भीड़ चल रही है। कई दुकानों में एक सप्ताह से ज्यादा समय से कार्ड रखे हुए और लोग रोजाना अपनी बारी के बारे में पता करने दुकान पहुंच रहे हैं। वहीं कई दुकान संचालकों ने टोकन व्यवस्था की है। सुबह ही लोगों को टोकन दे दिया जाता है। टोकन में लिखे नंबर के अनुसार ही लोगों को राशन दिया जाता है। इस बीच में आने वाले किसी भी व्यक्ति का कार्ड जमा नहीं लिया जाता और उन्हें अगले दिन टोकन लेने के लिए कहा जाता है।

सरकारी चावल बाजार की दुकानों में

सरकारी राशन दुकान वाले चावल को राशन कारोबारियों को बेच देते हैं। कई कारोबारी कई सरकारी राशन दुकान के विक्रेताओं से चावल खरीदते हैं और उसी चावल को मार्केट में 35 रुपए या उससे ज्यादा में भी बेचते हैं।

रामसागर पारा में स्थित सरकारी राशन दुकान

बिजली ऑफिस के पीछे स्थित इस सरकारी राशन दुकान में खुले आम कार्डधारकों को चावल के बदले रकम दी गई। विक्रेता मोलभाव करने के बाद लोगों को उनके राशनकार्ड में ही रुपए डालकर दिए। जब यहां कार्डधारकों से पूछा गया तो उन्होंने अपना कार्ड खोलकर पैसे निकाला और गिनते हुए बताया कि लगभग 21 रुपए के रेट से पैसे मिले हैं।

जैतूसाव मठ परिसर में स्थित दुकान

दुकान में 10 मिनट के दौरान कई लोगों को कार्ड में रुपए डालकर दे दिए गए। एक कार्डधारक ने बताया कि विक्रेता ने पूछा कि चावल चाहिए या पैसा तो मैंनेे उसी चावल को बेच दिया। वहीं दुकान में देखने में आया कि कई लोग आधे चावल तो कई पूरे चावल दुकान विक्रेताओं को ही बेच रहे थे।
यहां विक्रेता द्वारा कार्डधारक से पूछता है कि चावल लेके जाओगे या छोड़ोगे। उसके बाद विक्रेता कार्डधारी को 20 से 22 रुपए तक में चावल के बदले पैसे दे रहा था।

फूड कंट्रोलर भूपेंद्र मिश्रा ने कहा की कुछ राशन दुुकानों की शिकायत आई थी उन्हें ऑफिस बुलवाया गया था। जो भी राशन दुकान संचालक खुद राशन खरीद रहे हैं, उनकी जानकारी शेयर कीजिए कार्रवाई की जाएगी।

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