World Vaccination Week: जागरुकता जरूरी
विशेषज्ञ कहते हैं, सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए न केवल टीका महत्वपूर्ण है, बल्कि महिलाओं को नियमित जांच की आदत भी डालनी चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग और विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा पैप स्मीयर टेस्ट और एचपीवी टेस्ट जैसी जांचों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन जांचों के माध्यम से सर्वाइकल कैंसर का जल्दी पता लगाया जा सकता है, जो इलाज में मददगार साबित होता है।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीनेशन का महत्व बढ़ता जा रहा है। रायपुर के कई स्वास्थ्य केंद्रों पर इस वैक्सीनेशन के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।
रायपुर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस टीके के माध्यम से कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।
सर्वाइकल कैंसर, गंभीर खतरा
रायपुर अप्रैल के अंतिम सप्ताह में विश्व टीकाकरण सप्ताह मनाया जाता है। इसका उद्देश्य सभी आयु वर्ग के लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए टीकों के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर हम महिलाओं को
सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूक करने और इसके रोकथाम के लिए जरूरी कदमों पर जोर देंगे।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमावायरस) वैक्सीनेशन, जो महिलाओं के स्वास्थ्य को बचाने में अहम भूमिका निभा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि लड़कियों को 14 से 24 साल की उम्र के बीच यह वैक्सीनेशन लग जाए, तो सर्वाइकल कैंसर से मुक्ति पाई जा सकती है।
ग्रामीण इलाकों में यह समस्या अधिक देखी जा रही
कैंसर सर्जन डॉ. युसूफ मेमन कहते हैं, सर्वाइकल कैंसर 80 से 85 प्रतिशत मामलों में एचपीवी वायरस के कारण होता है। अगर यह
वैक्सीनेशन शादी से पहले किया जाए, तो कैंसर के होने की आशंका को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यह वैक्सीनेशन 7 प्रकार के वायरस से बचाव करती है, जो 95 प्रतिशत तक प्रभावी है। लड़कियों के लिए यह 14 से 24 साल के बीच विशेष रूप से फायदेमंद है, जबकि लड़कों में भी यह पेनाइल कैंसर से बचाव करता है।
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में यह समस्या अधिक देखी जा रही है, जहां लड़कियों की कम उम्र में शादी और उचित हाइजीन का पालन न करना कैंसर के बढ़ने के प्रमुख कारण हैं। सरकारी स्कीम में यह वैक्सीनेशन उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह मेडिकल स्टोर्स में 2000 से 4000 रुपये के बीच उपलब्ध है।