scriptCG News: छत्तीसगढ़ की एनु बनी सशक्त नारी की मिसाल, गांवों‑गांवों में महिलाओं को सिखा रही दोपहिया,बन गई स्कूटी दीदी | Chhattisgarh's Enu becomes an example of a strong woman, teaching women in villages how to use two-wheelers | Patrika News
रायपुर

CG News: छत्तीसगढ़ की एनु बनी सशक्त नारी की मिसाल, गांवों‑गांवों में महिलाओं को सिखा रही दोपहिया,बन गई स्कूटी दीदी

CG News: स्कूटी दीदी” के नाम से जानी जाती हैं। आत्मनिर्भरता और ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में उनके योगदान की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि एनु जैसी बेटियाँ ही आत्मनिर्भर भारत की असली पहचान हैं।

रायपुरJul 15, 2025 / 06:45 pm

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CG News: छत्तीसगढ़ की एनु बनी सशक्त नारी की मिसाल, गांवों‑गांवों में महिलाओं को सिखा रही दोपहिया,बन गई स्कूटी दीदी

छत्तीसगढ़ की स्कूटी दीदी (Photo CG DPR)

CG News: छत्तीसगढ़ की महिलाएं आज विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर न सिर्फ राज्य का बल्कि पूरे देश का नाम रौशन कर रही हैं। चाहे वो खेल हो, शिक्षा, राजनीति, सामाजिक कार्य, कला या उद्यमिता — हर क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। प्रदेश की महिलाएं आज पूरे देश में नाम रौशन कर रही है। वे अब किसी पहचान की मोहताज नहीं है।
ऐसे ही एक आत्मनिर्भरता की कहानी छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के एक छोटे से गांव उमरदा की निवासी एनु “स्कूटी दीदी” के नाम से जानी जाती हैं। आत्मनिर्भरता और ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में उनके योगदान की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि एनु जैसी बेटियाँ ही आत्मनिर्भर भारत की असली पहचान हैं। उनके साहस, समर्पण और संकल्प से छत्तीसगढ़ के गांवों की तस्वीर बदल रही है।
CG News: छत्तीसगढ़ की एनु बनी सशक्त नारी की मिसाल, गांवों‑गांवों में महिलाओं को सिखा रही दोपहिया,बन गई स्कूटी दीदी
एनु की प्रेरक यात्रा इस बात का प्रमाण है कि यदि मन में कुछ कर गुजरने का जज़्बा हो, तो संसाधनों की कमी, सामाजिक दबाव और परंपरागत सोच भी राह नहीं रोक सकती। एक साधारण ग्रामीण परिवार में जन्मीं एनु ने कठिन परिस्थितियों में भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ से जुड़कर सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण लिया, एक लाख रुपये का ऋण प्राप्त किया, और समय पर ऋण को चुका कर आर्थिक अनुशासन की मिसाल पेश की।
एनु को समझ थी कि ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए गतिशीलता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने ‘प्रथम संस्था’ से स्कूटी चलाना सीखा और शुरुआत में समाज के तानों और व्यंग्य के बावजूद अपना आत्मविश्वास बनाए रखा और हार नहीं मानी। जब वे गांव-गांव स्कूटी से महिलाओं से जुड़ने लगीं, तभी उन्हें “स्कूटी दीदी” के नाम से पहचाना जाने लगा।
2023 में की दोपहिया प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना

वर्ष 2023 में एनु ने “महिला दोपहिया प्रशिक्षण केंद्र” की स्थापना की। शुरुआत में केवल 2-3 महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया, लेकिन धीरे-धीरे यह पहल ग्रामीण समाज में एक क्रांति बन गई। अब तक वे 30 से अधिक महिलाओं को स्कूटी चलाना सिखा चुकी हैं, जो अब स्वयं आंगनबाड़ी, स्कूल, बैंक और स्वास्थ्य केंद्र जैसे स्थानों तक स्वतंत्र रूप से पहुँचना शुरू कर चुकी हैं।
एनु की इस पहल से न केवल महिलाओं की दैनिक गतिशीलता आसान हुई है, बल्कि पूरे सामाजिक दृष्टिकोण में भी परिवर्तन आया है। अब गांवों में माता-पिता स्वयं अपनी बेटियों और बहुओं को एनु के पास प्रशिक्षण हेतु भेज रहे हैं। उनका सपना है कि वे 1000 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएं और शीघ्र ही चारपहिया वाहन प्रशिक्षण केंद्र शुरू करें।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि एनु जैसे लोग छत्तीसगढ़ की नई पहचान हैं। राज्य सरकार ‘बिहान’ जैसी योजनाओं के माध्यम से ऐसे नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो जमीनी स्तर पर परिवर्तन ला रहे हैं।
एनु का योगदान केवल ड्राइविंग प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है। उन्होंने सिलाई-कढ़ाई, एलईडी असेंबली, मनरेगा कार्यों, और घरेलू प्रबंधन में भी महिलाओं को दक्ष बनाया है। उनके प्रयासों को देखते हुए भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्वाति शर्मा और धमतरी के कलेक्टर अविनाश मिश्रा ने स्वयं उमरदा गांव जाकर एनु से मुलाकात की और उनके कार्यों की सराहना की।
ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने भी एनु की कहानी को फेसबुक पोस्ट के माध्यम से साझा करते हुए कहा कि जीवन में संसाधनों की कमी थी, लेकिन एनु के हौसले को कोई डिगा नहीं सका।उन्होंने एम.ए. की पढ़ाई पूरी कर ‘बिहान’ और ‘प्रथम संस्था’ से प्रशिक्षण प्राप्त कर न केवल आत्मनिर्भरता पाई, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनीं।
एनु की प्रेरक कहानी

मुख्य पहचान

उमरदा (धमतरी जिले) की रहने वाली एनु “स्कूटी दीदी” के नाम से पूरे प्रदेश नहीं, देशभर में जानी जाती हैं

शिक्षा और प्रशिक्षण

उन्होंने अर्थशास्त्र में पोस्ट‑ग्रेजुएशन किया, बाद में ‘बिहान’ मिशन से सिलाई‑कढ़ाई सीखी और 1 लाख रु का ऋण लेकर आत्मनिर्भर बनीं
स्वयं सशक्तिकरण की शुरुआत

‘प्रथम संस्था’ से स्कूटी चलाना सीखा, गांवों‑गांवों में महिलाओं को स्कूटी चलाना सिखाई, और इसलिए उन्हें “स्कूटी दीदी” कहा जाने लगा

प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना

2023 में उन्होंने “महिला दोपहिया प्रशिक्षण केंद्र” खोला—अब तक 30+ महिलाओं ने ट्रेनिंग ली है, जो अब स्वतंत्र रूप से बैंक, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र जाने लगी हैं

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