20 लोगों ने ली है अनुमति
खनिज विभाग के संचालक केके गोलघाटे ने बताया कि
रेत उत्खनन पर रोक लगा दी गई है। भंडारण के लिए 20 लोगों ने अनुमति ली है। इसके अलावा अवैध रूप से भंडारण करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जाएगी।
अब महंगी कीमत पर बिकेगी रेत
उत्खनन पर प्रतिबंध के बावजूद रेत का कारोबार इसी तरह चलता रहेगा जैसा पूर्व के वर्षों में होता रहा है। गाहे-बगाहे नदी नालों से रेत तो निकाला ही जायेगा, इसके अलावा जो अवैध तरीके से स्टॉक रखा गया है उस रेत की बिक्री धड़ल्ले से होगी, फर्क बस यही होगा कि अब प्रतिबंध के बहाने रेत की कीमत बढ़ा दी जाएगी। सच कहें तो रेत माफिया को इसी वक्त का इंतजार रहता है, सरकार बारिश के शुरू होने पर रेत के उत्खनन पर रोक लगा देती है। इसके बाद असली खेल शुरू हो जाता है।
रेत माफिया स्टॉक की रेत निकाल कर उसका परिवहन करते हैं और उसकी कीमत लगभग 500 रूपये ज्यादा वसूलते हैं। स्वाभाविक है कि इसमें कुछ हिस्सा खनिज अमले और अन्य अफसरों का भी होता है। अफसर इस कालाबाजारी पर रोक लगाने के लाख दावे करें मगर होना तो यही है।